Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Nov, 2017 03:10 PM
पहले से ही 2 महीने लेट चल रहे नगर निगम के जनरल चुनाव करवाने के लिए हो रही नए सिरे से वार्डबंदी तय करने की प्रक्रिया में बाकी शहरों के मुकाबले लुधियाना अलग-थलग पड़ गया है। जिस कारण यहां चुनाव लेट हो सकते हैं। जबकि जालंधर, अमृतसर व पटियाला में 16...
लुधियाना (हितेश): पहले से ही 2 महीने लेट चल रहे नगर निगम के जनरल चुनाव करवाने के लिए हो रही नए सिरे से वार्डबंदी तय करने की प्रक्रिया में बाकी शहरों के मुकाबले लुधियाना अलग-थलग पड़ गया है। जिस कारण यहां चुनाव लेट हो सकते हैं। जबकि जालंधर, अमृतसर व पटियाला में 16 दिसम्बर को चुनाव करवाए जाने की सूचना है। इसका फैसला बकायदा सी.एम. की अगुवाई में हुई हाई लेवल मीटिंग के दौरान लिया गया है।
यहां बताना उचित होगा कि विकास कार्यों के लिए फंड जारी करने में पक्षपात होने के आरोपों से बचने के लिए आबादी के हिसाब से नई वार्डबंदी का फैसला तो अकाली-भाजपा सरकार ने ही लिया था। इसके तहत वार्डों की संख्या बढ़ाने का नोटीफिकेशन पिछले साल मई में ही जारी हो गया था। लेकिन नई बनने वाली किसी भी सरकार का रुख देखने के चक्कर में अफसरों ने इस साल मार्च तक का इंतजार किया। उस समय कांग्रेसियों ने पहले नई वार्डबंदी के लिए डोर टू डोर सर्वे करवा लिया और बाद में चुनाव लेट करवाने का ऐलान कर डाला। अब गुरदासपुर में जीत मिलने के बाद कांग्रेस ने निगम चुनाव करवाने को लेकर एक बार फिर से तेजी दिखाई है। लेकिन विधायकों ने नए बनने वाले वार्डों की बाऊंड्री तय करने में ही काफी समय लगा दिया।
इसमें पहले अफसरों ने नियमों का अडंगा डाला और फिर जब कांग्रेसियों की मनमर्जी सिरे चढऩे लगी तो आबादी के हिसाब से एस.सी. कैटागरी के लिए रिजर्व वार्ड न बनाए जाने बारे बैंस ब्रदर्ज द्वारा उठाए गए एतराज आड़े आ गए। जिसके मुताबिक सुधार करने के लिए वार्डबंदी के ड्राफ्ट को वापस नगर निगम के पास भेज दिया गया है।
इस चक्कर में निगम चुनावों का ऐलान करने में लगातार देरी हो रही है जिसे लेकर फैसला लेने के लिए बुधवार को लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिद्धू व अगले दिन खुद सी.एम. ने लुधियाना के कांग्रेसी विधायकों की मीटिंग बुला ली। जहां अफसरों ने बताया कि वार्डों की बाऊंड्री तय करने व उसमें आबादी के विभाजन को लेकर नियमों का पालन होने बारे फिर से क्रॉस चैकिंग करना जरूरी है। वर्ना वार्डबंदी को चुनौती देने वाला कोर्ट केस लगने पर चुनाव और लेट हो सकते हैं। जिस पर लुधियाना के चुनाव बाकी 3 निगमों से अलग करवाने का फैसला किया गया है।