Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Nov, 2017 02:08 PM
नगर निगम कमिश्नर की पोस्ट अब पॉलीटिकल हो गई है। इसके तहत जसकिरण सिंह की बदली 24 घंटे के भीतर रुकवाने के पीछे कांग्रेसियों का हाथ बताया जा रहा है।यहां बताना उचित होगा कि सरकार द्वारा रविवार को किए गए आई.ए.एस. व पी.सी.एस. अफसरों के तबादलों की लिस्ट...
लुधियाना(हितेश): नगर निगम कमिश्नर की पोस्ट अब पॉलीटिकल हो गई है। इसके तहत जसकिरण सिंह की बदली 24 घंटे के भीतर रुकवाने के पीछे कांग्रेसियों का हाथ बताया जा रहा है।यहां बताना उचित होगा कि सरकार द्वारा रविवार को किए गए आई.ए.एस. व पी.सी.एस. अफसरों के तबादलों की लिस्ट में लुधियाना नगर निगम के कमिश्नर का नाम भी शामिल था। जिन्हें डायरैक्टर हॉस्पीटैलिटी लगाया गया था। सरकार के इस फैसले को सूफियां चौक फैक्टरी हादसे के बाद मौके का दौरा करने के दौरान सी.एम. द्वारा जताई गई नाराजगी से जोड़कर देखा गया। क्योंकि एक तो बचाव कार्यों दौरान एन.डी.आर.एफ. की मांग पर नगर निगम के अधिकारी कोई नक्शा मुहैया नहीं करवा पाए और ऊपर से बिल्डिंग में अवैध निर्माण होने का पहलु सामने आ गया। इसी तरह नगर निगम की तरफ से चल रहे विकास कार्य भी ढीले होने का ठीकरा कमिश्नर पर फोड़ा जा रहा था।लेकिन उनकी बदली कांग्रेसियों को नागवार गुजरी। इसके तहत सोमवार सुबह ही शहर के सभी कांग्रेसी विधायकों ने एम.पी. रवनीत बिट्टू की अगुवाई में चंडीगढ़ का रुख कर लिया। जिसकी चर्चा दिन भर निगम गलियारे में सुनने को मिली। इस बारे में संकेत जसकिरण सिंह द्वारा चार्ज छोडऩे की जगह दोपहर तक जोन डी आफिस में डेरा लगाकर बैठे रहने से भी मिल गया था और शाम को उनकी बदली रुकने के औपचारिक आदेश भी जारी हो गए।
अब पूरी तरह कांग्रेसी विधायकों के हुक्म मुताबिक चलेगा पैन
जब से जसकिरण सिंह ने कमिश्नर का चार्ज संभाला, तब से निगम के कामकाज में कांग्रेसी विधायकों की दखलंदाजी साफ नजर आ रही थी। इसमें मुख्य पहलु मुलाजिमों की पोस्टिंग व बदलियों का रहा। यहां तक कि कई बदलियों के आदेश कुछ देर बाद रद्द करने पड़े। अब कांग्रेसियों ने बदली रुकवाई है तो उनका दबाव बढऩा लाजमी है। इसके तहत अफसरों की सिर्फ कलम ही चलेगी, पीछे हुक्म विधायकों का ही होगी। यह कहना इसलिए भी गलत नहीं होगा कि बदली रुकवाने गए विधायकों ने साफ कहा कि अब कमिश्नर से उनकी ट्यूङ्क्षनग बन चुकी है और नए आने वाले अफसर के साथ संबंध बनने में ही टाइम लग जाएगा।
निगम चुनावों के मद्देनजर विश्वास में न लेने का उठा मुद्दा
सूत्रों की मानें तो कुछ दिन पहले सी.एम. ऑफिस के अफसरों व पंजाब कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ ने कांग्रेसी विधायकों की मीटिंग बुलाकर नगर निगम चुनावों के मद्देनजर अपनी मर्जी के अफसरों की पोस्टिंग करवाने को कहा। लेकिन लुधियाना के नेताओं ने तीनों प्रमुख सीटों पर बैठे अफसरों के नाम पर ही सहमति जता दी। जबकि रविवार को एकाएक कमिश्नर का तबादला हो गया। इसे लेकर सोमवार को विधायकों ने उन्हें विश्वास में न लेने का मुद्दा बनाया। कांग्रेसियों के मुताबिक नगर निगम चुनावों को लेकर नए-पुराने विकास कार्यों को पूरा करवाने का टारगेट पुराने कमिश्नर को दिया हुआ है और नए कमिश्नर को आने पर सिस्टम समझने में ही काफी समय लग जाएगा।
मायूसी में बदली ठेकेदारों की खुशी
जब रविवार शाम को जसकिरण सिंह की बदली की खबर आई तो ठेकेदारों ने खूब जश्न मनाया। इसे लेकर उनके व्हाट्सएप ग्रुप में जमकर चर्चा हुई कि बिल पास करवाने के नाम पर आधा फीसदी कमीशन लेने वाले बी. एंड आर. शाखा के अफसर से छुटकारा मिल जाएगा। लेकिन अगले ही दिन यह खुशी मायूसी में बदल गई।