पार्किंग ठेकेदार व बूथ धारकों के बीच फिर हो सकता है विवाद

Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Jun, 2017 09:52 AM

controversy may happen again between parking contractor and booth holders

डी.ए.सी. के अंदर वाहन खड़े करके तय फीस वसूलने का ठेका इस साल की शुरूआत से ही सुॢखयों में है, फिर चाहे वह पहले ठेका अलाट न होने की मुसीबत हो या फिर बाद में बूथ धारकों और वकीलों के साथ पार्किंग ठेकेदार का हुआ विवाद ही हो।

जालंधर (अमित): डी.ए.सी. के अंदर वाहन खड़े करके तय फीस वसूलने का ठेका इस साल की शुरूआत से ही सुॢखयों में है, फिर चाहे वह पहले ठेका अलाट न होने की मुसीबत हो या फिर बाद में बूथ धारकों और वकीलों के साथ पार्किंग ठेकेदार का हुआ विवाद ही हो। इस पूरे घटनाक्रम के बीच ऐसा प्रतीत होता है कि पार्किंग ठेकेदार बनाम बूथ धारकों का विवाद अभी थमा नहीं है। क्योंकि पार्किंग ठेकेदार की तरफ से डी.ए.सी. में अलग-अलग कारोबार करने वाले बूथ धारकों को एक आखिरी निवेदन वाली स्लिपें बांटी गई थीं, जिसमें उन्हें अल्टीमेटम देते हुए स्पष्ट किया गया था कि अगर सोमवार को सारे बूथ धारक अपने-अपने मासिक पास (मुफ्त और पेड) नहीं बनवाते हैं तो शाम को बिना पर्ची वाले सारे वाहन रोक लिए जाएंगे और इसकी सारी जिम्मेदारी बूथ धारकों की होगी।

जिस प्रकार से बूथ धारकों और ठेकेदार के बीच पार्किंग के पैसों को लेकर आम सहमति नहीं बन पा रही है, जिसे देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि अगर प्रशासन ने समय रहते इस मामले की तरफ ध्यान नहीं दिया तो यह विवाद विकराल रूप भी धारण कर सकता है और ठेकेदार व बूथ धारकों के बीच हाथापाई और लड़ाई-झगड़े की नौबत तक आ सकती है जिससे डी.ए.सी. का माहौल भी खराब हो सकता है। सोमवार को सरकारी छुट्टी आने की वजह से मंगलवार को दोनों पक्षों के बीच तकरार होने की संभावना जताई जा रही है। 

क्या है आखिरी निवेदन, क्यों आई ऐसी नौबत?
पार्किंग ठेकेदार और बूथ धारकों के बीच पहले हुए विवाद में ए.डी.सी. गुरमीत सिंह मुल्तानी के दफ्तर में बैठ कर दोनों पक्षों के बीच फैसला हो गया था और आम राय बनी थी कि केवल ओरीजनल अलाटियों को एक-एक मुफ्त मासिक पास ठेकेदार द्वारा जारी किया जाएगा, जिसके लिए वह अपनी अलाटमैंट लैटर की एक कापी ठेकेदार को देंगे। इसके अलावा अन्य सारे बूथ धारक व उनके पास काम करने वाले कारिदों के लिए पेड-मासिक पास इश्यू करवाए जाएंगे, अन्यथा उन्हें पर्ची कटवा कर ही डी.ए.सी. में प्रवेश प्राप्त हो सकेगा।

ठेकेदार के अनुसार फैसले को काफी समय बीतने के बाद भी केवल 35-40 बूथ धारकों ने ही मासिक पास के लिए संपर्क किया है और बाकी के लोग बिना किसी पर्ची के मुफ्त में ही वाहन पार्क कर रहे हैं, जिससे उसे काफी बड़ा नुक्सान उठाना पड़ रहा है। इसी के मद्देनजर ठेकेदार ने सारे बूथों पर आखिरी निवेदन वाली एक स्लिप बांटी थी, जिसमें उसने बूथ धारकों को सोमवार तक का समय देते हुए कहा था कि वह अपने पास बनाएं अन्यथा पर्चा कटवाएं। 

रोजाना 5 रुपए की चोरी के लिए जाली अलाटमैंट लैटर तक दे रहे बूथ धारक
डी.ए.सी. में अपने वाहन मुफ्त में खड़े करने वाले कुछ बूथ धारक इतने बेशर्म हो चुके हैं कि उन्हें किसी कायदे-कानून का कोई डर बाकी नहीं रह गया है और केवल 5 रुपए प्रति दिन की चोरी करने के उद्देश्य से कुछ बूथ धारकों ने ठेकेदार को जाली अलाटमैंट लैटर तक बनाकर सौंपे हैं ताकि वह मुफ्त वाला मासिक पास प्राप्त कर सकें।

पार्किंग ठेकेदार कुलविंद्र सिंह का कहना है कि उनके पास लगभग 20-25 बूथ वालों ने जो अलाटमैंट लैटर दिए हैं, वह प्रशासन द्वारा दी गई लिस्ट के साथ मेल ही नहीं खाते हैं और ऐसा प्रतीत होता है कि वह जाली हैं। ठेकेदार ने कहा कि वह मामले की सारी जानकारी ए.डी.सी. को लिखित रूप से देने वाले हैं, ताकि इसकी जांच की जा सके।

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