Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Sep, 2017 03:42 AM
पिम्स (पंजाब इंस्टीच्यूट आफ मैडीकल साइंस) में 24 आवर फार्मेसी और पिम्स प्रबंधन में चल रहे विवाद ने उस समय...
जालंधर(अमित): पिम्स (पंजाब इंस्टीच्यूट आफ मैडीकल साइंस) में 24 आवर फार्मेसी और पिम्स प्रबंधन में चल रहे विवाद ने उस समय विकराल रूप धारण कर लिया जब सोमवार को पिम्स प्रबंधन की तरफ से अस्पताल में फार्मेसी के खिलाफ नोटिस बोर्ड लगवाए गए।
24 आवर फार्मेसी के हरप्रीत सिंह संधू ने बताया कि उनके और पिम्स प्रबंधन के बीच फार्मेसी वाली जगह को लेकर अदालत में मामला विचाराधीन है, बावजूद इसके पिम्स प्रबंधन ने अदालत की अव्हेलना करते हुए उनकी फार्मेसी के खिलाफ अस्पताल में बोर्ड लगवाए जिनमें लिखा गया है कि 24 आवर फार्मेसी को पिम्स से मान्यता प्राप्त नहीं है और अगर कोई भी मरीका वहां से दवाई लेता है तो वह अपनी जिम्मेदारी तथा रिस्क पर लेगा, पिम्स प्रबंधन इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा।
हरप्रीत ने कहा कि उक्त सारे नोटिस बोर्ड सरासर गलत और गैर-कानूनी हैं क्योंकि जब तक अदालत की तरफ से कोई फैसला नहीं सुनाया जाता तब तक किसी भी पक्ष द्वारा ऐसी हरकत करना जायज नहीं है। हरप्रीत ने कहा कि साल 2011 में पिम्स में फार्मेसी शाप चलाने के लिए हरियाणा से संबंध रखने वाले नवाब सिंह तथा अश्विनी कुमार भाटिया ने पार्टनरशिप में काम शुरू किया था। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने पिम्स में फार्मेसी खोली थी उनका कोई लिखित एग्रीमैंट नहीं हुआ था और पिम्स प्रबंधन की तरफ से उन्हें कहा गया था कि आप ही पूरी जिंदगी यहां फार्मेसी चलाएंगे और पिम्स किसी अन्य को यहां फार्मेसी नहीं खोलने देगा।
मगर लगभग 2 साल पहले पिम्स ने पहली मंकिाल पर एक अन्य फार्मेसी खुलवा दी। तब भी उनका और पिम्स का विवाद हुआ था मगर पिम्स का कहना था कि केवल आप्रेशन के लिए अनिवार्य सामान ही वहां से बेचा जाएगा। उसके बाद पिम्स ने ग्राऊंड फ्लोर पर फार्मेसी खुलवा दी जोकि सरासर उनके साथ धक्का किया गया था। इस बारे में जब पिम्स के रैजीडैंट डायरैक्टर से फोन पर बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन नहीं उठाया जिससे उनका पक्ष प्राप्त नहीं हो सका।