Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Oct, 2017 01:00 PM
बाबा फरीद आगमन पर्व पर शहर में लोगों के मनोरंजन के लिए झूले लेकर आए ठेकेदारों और मजदूरों को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशों पर एक महीने बाद सामान मिल गया है।
फरीदकोट (हाली): बाबा फरीद आगमन पर्व पर शहर में लोगों के मनोरंजन के लिए झूले लेकर आए ठेकेदारों और मजदूरों को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशों पर एक महीने बाद सामान मिल गया है।
विरासती मेले के दौरान प्रशासन के कहने पर ठेकेदारों ने शहर में झूले लगाए थे परंतु प्रशासन ने समझौते मुताबिक झूले के ठेकेदारों को अपेक्षित जगह मुहैया नहीं करवाई, जिस कारण ठेकेदारों और मजदूरों ने ये झूले कोटकपूरा सड़क नजदीक जमीन ठेके पर लेकर लगाए थे। मेला खत्म होने के बाद जब ठेकेदारों ने झूलों का सामान वापस लेकर जाने की तैयारी की तो जिला प्रशासन ने ठेकेदारों और मजदूरों को सामान उठाने से रोक दिया।
जिला सभ्याचारक सोसायटी ने ठेकेदार को ठेके की पूरी रकम जमा करवाने के लिए कहा परंतु ठेकेदार ने ठेके की रकम देने से इंकार करते हुए कहा कि जब प्रशासन ने समझौते मुताबिक जगह मुहैया नहीं करवाई तो 15 लाख रुपए ठेके के जमा नहीं करवाएगा हालांकि ठेकेदार ने 8 लाख रुपए जमा करवाने की सहमति दी थी और 5 लाख रुपए उसने जमा भी करवा दिए थे। मेला खत्म होने के बाद प्रशासन और ठेकेदार के बीच दो सप्ताह तक बातचीत चलती रही परंतु यह बात सिरे नहीं लगी, जिस पर झूलों के ठेकेदार ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में रिट दायर करके प्रशासन से अपना सामान मुक्त करवाने की मांग की।
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने फरीदकोट प्रशासन को हिदायत की है कि वह ठेकेदार का झूलों का सामान तुरंत उठवाए। हाईकोर्ट ने ठेकेदार को हिदायत की है कि वह ठेके की रकम संबंधी बैंक गारंटी देकर अपना सामान उठा ले। प्रशासन ठेके की पूरी रकम लेने का हकदार है या नहीं इस मुद्दे का फैसला अभी हाईकोर्ट में विचाराधीन है।रैडक्रास और जिला सभ्याचार सोसायटी के सचिव रोशन लाल गोयल ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेशों पर ठेकेदार को सामान उठाने की आज्ञा दे दी है। उन्होंने कहा कि ठेकेदार ने झगड़े वाली रकम की बैंक गारंटी उनके पास जमा करवा दी है।