घोर वित्तीय संकट में फंसा निगम: ठेकेदार पेमैंट लेने के लिए हाईकोर्ट की शरण में पहुंचे

Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Jun, 2017 04:02 AM

contractor arrives in the high court to seek payment

नगर निगम जालंधर इन दिनों घोर वित्तीय संकट का सामना कर रहा है। ....

जालंधर(खुराना): नगर निगम जालंधर इन दिनों घोर वित्तीय संकट का सामना कर रहा है। एक ओर जहां शहर के तमाम विकास कार्य ठप्प पड़े हैं वहीं नगर निगम का बजट पास न हो पाने के कारण भी निगम का आर्थिक संकट गहरा रहा है। 100 दिन पहले पंजाब में आई कांग्रेस सरकार ने सत्ता सम्भालते ही अकाली-भाजपा सरकार द्वारा शुरू करवाए गए सभी कामों को रिव्यू करने के उद्देश्य से रुकवा दिया था जिसके तहत जहां सभी नए कामों पर रोक लगा दी गई वहीं चल रहे कामों की ग्रांट को भी रिलीज नहीं किया जा रहा जिस कारण विकास कार्यों पर असर पड़ा है।

अकाली-भाजपा सरकार ने शहरी विकास हेतु जालंधर निगम को 270 करोड़ रुपए से ज्यादा की ग्रांट जारी की थी जिसके तहत ही ज्यादातर काम हो रहे थे। नगर निगम के अपने फंड से हो रहे कामों की संख्या चाहे कम थी परन्तु फिर भी वित्तीय संकट के चलते नगर निगम अपने ठेकेदारों का भुगतान नहीं कर पा रहा जिसके दृष्टिगत निगम के कुछ ठेकेदार पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की शरण में चले गए हैं और बाकियों ने अदालत जाने की तैयारी शुरू कर दी है। अब देखना है कि विकट स्थिति से गुजर रहा नगर निगम आने वाले दिनों में कैसे पैसों का इंतजाम कर पाता है।

अदालत ने 2 महीनों में पेमैंट देने का आदेश दिया
नगर निगम के जो ठेकेदार पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट चले गए हैं उनकी याचिका के आधार पर अदालत ने नगर निगम प्रशासन को 2 महीनों के भीतर इन ठेकेदारों की पेमैंट करने के आदेश दिए हैं। इन ठेकेदारों में सतीश अग्रवाल, भूषण छुरा तथा पेवर के काम से जुड़े कुछ अन्य ठेकेदार बताए जा रहे हैं। ठेकेदार एसोसिएशन की एक बैठक प्रधान अवतार सिंह की अध्यक्षता में हुई जिस दौरान बाकी ठेकेदारों ने भी पैसे लेने के लिए अदालत जाने की घोषणा कर दी। कुछ ठेकेदारों ने तो इस हेतु निगम को लीगल नोटिस भी निकलवा दिए हैं। 

5 साल पहले भी बने थे ऐसे हालात
आज से ठीक 5 साल पहले भी ऐसे हालात बने थे जब मेयर सुनील ज्योति ने कार्यभार सम्भाला था। तब डेढ़ दर्जन से अधिक ठेकेदारों ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में जाकर अपनी पेमैंट निगम से निकलवाई थी। तब निगम को इस कार्य के लिए ऋण भी लेना पड़ा था। 

निगम की अपनी 30 करोड़ की देनदारी
नगर निगम ने अपने खाते में से ठेकेदारों को करीब 30 करोड़ रुपए देने हैं। ठेकेदारों के प्रधान अवतार सिंह ने बताया कि पिछले 10 महीनों से कोई पेमैंट नहीं दी गई और आने वाले कई महीनों में भी पेमैंट मिलने के कोई चांस नहीं हैं क्योंकि जल्द ही निगम चुनावों की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और सारा ध्यान उधर हो जाएगा।

इस बार अर्नैस्ट मनी का मामला भी कोर्ट जाएगा
ऐसा पहली बार होगा कि निगम के ठेकेदार अपनी सिक्योरिटी मनी तथा अर्नैस्ट मनी लेने के लिए अदालत जाएंगे। ठेकेदारों ने बताया कि बाकी नगर निगम ठेकेदारों से ली गई अर्नैस्ट मनी और सिक्योरिटी को अलग खातों में रखते हैं परन्तु जालंधर निगम इसे जनरल फंड में डाल देता है। पैसों की तंगी के कारण अब ठेकेदारों को उन कामों की सिक्योरिटी मनी तथा अर्नैस्ट मनी भी नहीं मिल पा रही जो पूरे हो चुके हैं इसलिए अदालत से गुहार लगाई जाएगी कि निगम यह पैसे तुरंत अदा करे।

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