Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Jan, 2018 03:26 PM
किसान को कर्ज मुक्त करने का वायदा कर सत्ता में आई कांग्रेस ने इस वायदे को भुला दिया है। किसानों का कर्ज माफ तो क्या करना, उल्टे उनकी बेची फसल का दाम भी नहीं दिया जा रहा है। कर्जा मुक्ति के नाम पर जो आधी अधूरी सूची पेश करने का कांग्रेस दावा कर रही...
फाजिल्का(नागपाल): किसान को कर्ज मुक्त करने का वायदा कर सत्ता में आई कांग्रेस ने इस वायदे को भुला दिया है। किसानों का कर्ज माफ तो क्या करना, उल्टे उनकी बेची फसल का दाम भी नहीं दिया जा रहा है। कर्जा मुक्ति के नाम पर जो आधी अधूरी सूची पेश करने का कांग्रेस दावा कर रही है, उसमें योग्य पात्रों का नाम कहीं शामिल नहीं है, बल्कि अपने कुछ चहेते लोगों को शामिल कर वाहवाही लूटने का जुगाड़ कर रही है।
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री व फाजिल्का के पूर्व विधायक सुरजीत कुमार ज्याणी ने कहा कि गन्ना उत्पादक किसानों का सिर्फ फाजिल्का सहकारी चीनी मिल बोदीवाला पीथा की ओर लगभग 17 करोड़ रुपए बकाया है। जबकि कांग्रेस सरकार द्वारा किसान कर्ज माफी के लिए जो बजट रखा गया है, वह मात्र 61 करोड़ रुपए है। ऐसे में किसानों का कर्जा माफ कैसे होगा? इस पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्द्र सिंह अपने ही रुझानों में इस कद्र उलझे हुए हैं कि उन्हें कर्ज के बोझ के तले दबकर दम तोड़ते छोटे किसान नजर नहीं आ रहे हैं।
उनके स्थान पर पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ अपने आपको किसानों का पैरोकार बता रहे हैं। जबकि जिस इलाके गुरदासपुर से सुनील जाखड़ ने लोकसभा का चुनाव लड़ा उस इलाके में चुनाव से पहले ही वोटों की राजनीति करते हुए गन्ना उत्पादक किसानों को भुगतान कर दिया था, लेकिन जिला फाजिल्का जिसके वह मूल निवासी हैं और वर्षों तक जिस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं उस इलाके को पूरी तरह से बिसार दिया। गन्ना उत्पादक किसान अपने ही रुपए की वसूली के लिए मिल के सामने धरने लगा रहे हैं और बड़ी मुश्किल से अपनी जरूरतों को पूरा कर रहे हैं।
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने हमेशा किसान हित की बात की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने फरेब का सहारा लेकर सत्ता हासिल की है। उनके चुनाव घोषणा पत्र में किसानों पर चढ़ा बैंकों व आढ़तियों का कर्ज माफ करने की शर्त थी, लेकिन वह शर्त धूल चाट चुकी है। किसी भी किसान का कर्जा न माफ हुआ है और न ही कांग्रेस कर सकती है। कांग्रेस नेताओं को बेवजह बयानबाजी से गुरेज करना चाहिए। अगर वह वायदा पूरा नहीं कर सकती तो उसे सत्ता भी छोड़ देनी चाहिए।