संघ का मुकाबला करेगा कांग्रेस का सेवा दल, पार्टी को मजबूत करने के लिए नया फार्मूला

Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Jan, 2018 12:33 PM

congress new formula to strengthen party

गुजरात में हुए विधानसभा चुनावों में पूरा माहौल कांग्रेस के पक्ष में बनने के बावजूद पार्टी चुनाव नहीं जीत पाई। इसके लिए सबसे बड़ी वजह यह बताई गई कि बूथ स्तर पर भारतीय जनता पार्टी जितनी मजबूत है, कांग्रेस उसके आसपास भी नहीं है। चुनावी नतीजों के...

जालंधर(पाहवा): गुजरात में हुए विधानसभा चुनावों में पूरा माहौल कांग्रेस के पक्ष में बनने के बावजूद पार्टी चुनाव नहीं जीत पाई। इसके लिए सबसे बड़ी वजह यह बताई गई कि बूथ स्तर पर भारतीय जनता पार्टी जितनी मजबूत है, कांग्रेस उसके आसपास भी नहीं है। चुनावी नतीजों के विश्लेषण में हर किसी ने कहा कि अगर कांग्रेस को किसी भी राज्य में अपनी बढ़त को चुनावी जीत में तबदील करने की स्थिति में आना है तो जमीनी स्तर पर उसे अपनी ताकत बढ़ानी होगी। 

जमीनी कमजोरी पर निशाना
वहीं दूसरी तरफ भाजपा अपनी सहयोगी संगठनों के बूते जमीनी स्तर पर बेहद मजबूत है। जमीनी स्तर पर भाजपा की सबसे बड़ी ताकत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक हैं। संघ अपनी शाखाओं के जरिए जमीनी स्तर पर अपनी सक्रियता बनाए रखता है। वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद भी जमीनी स्तर पर खासी सक्रिय है। इस मामले में भाजपा के मुकाबले कांग्रेस बहुत कमजोर स्थिति में पहुंच गई है, जिन राज्यों में उसकी सरकार है, वहां तो स्थिति फिर भी थोड़ी ठीक है लेकिन जहां वह लंबे समय से सरकार से बाहर है, वहां जमीनी स्तर पर कांग्रेस की स्थिति बेहद खराब है। कांग्रेस में भी इस स्थिति से निपटने की योजना बन रही है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से बातचीत करने पर इस योजना की रूप-रेखा का अंदाजा होता है। पार्टी नेताओं को लगता है कि सोशल मीडिया पर आज कांग्रेस भाजपा से कुछ बेहतर हुई है। 

सेवा दल में फूंकेगी जान
कांग्रेस के दिल्ली से संबंधित आला सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस इस समस्या से निपटने के लिए तीन स्तर पर काम करने जा रही है। पार्टी सेवा दल और महिला कांग्रेस में नई जान फूंकने की कोशिश में जुट गई है। इसके अलावा वह हाल ही में बनाई गई प्रोफैशनल्स कांग्रेस का विस्तार करना चाहती है। सेवा दल की शुरूआत 1924 में हुई थी। इस नाते कहें तो यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी साल भर पुराना संगठन है। इसका गठन कांग्रेस के जमीनी संगठन के तौर पर हुआ था। अभी भी इसकी शाखाएं हर राज्य में हैं। पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से लेकर कई पुराने कांग्रेसी नेताओं का सेवा दल से नाता रहा है। ऐसे में अभी कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को लगता है कि अगर सेवा दल में फिर से जान फूंकी गई तो जमीनी स्तर पर संघ के स्वयंसेवकों का मुकाबला करने में यह बेहद उपयोगी हो सकता है और इसका फायदा कांग्रेस को चुनावों में मिल सकता है।

बुद्धिजीवी वर्ग पर कांग्रेस की नजर
2014 में नरेंद्र मोदी को केंद्र की सत्ता में पहुंचाने में पढ़े-लिखे पेशेवर लोगों की बहुत बड़ी भूमिका बताई जाती है। माना जाता है कि इस वर्ग ने सोशल मीडिया से लेकर हर जगह नरेंद्र मोदी के पक्ष में माहौल बनाने का काम किया। इस वर्ग में अपनी जगह बनाने के लिए कांग्रेस ने शशि थरूर के नेतृत्व में प्रोफैशनल्स कांग्रेस का गठन किया था। पार्टी इस संगठन का तेजी से विस्तार करने की योजना पर काम कर रही है। 

इसके लिए सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है। यह संगठन कुछ महत्वपूर्ण विषयों पर कांग्रेस को शोधपूर्ण नीतिगत सहयोग कर रहा है। कुछ समय पहले इसने दिल्ली में प्रदूषण पर एक रिपोर्ट जारी की। पार्टी को लगता है कि पढ़ा-लिखा वर्ग जितनी तेजी से एक तरफ जाता है, उतनी ही तेजी से उसका मोहभंग भी होता है। इसलिए अगर ठीक से काम किया गया तो इस वर्ग को अपने साथ लाया जा सकता है। कांग्रेस को लग रहा है कि अगर पार्टी के इन तीनों सहयोगी संगठनों को नए सिरे से ठीक से खड़ा किया गया तो जमीनी स्तर पर पार्टी भाजपा की ताकत से मुकाबला करने की स्थिति में आ सकती है। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!