Edited By Updated: 28 Mar, 2017 01:33 AM
पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में चाहे कांग्रेस की सरकार केवल पंजाब में ही....
जालंधर(धवन): पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में चाहे कांग्रेस की सरकार केवल पंजाब में ही सरकार बना सकी है, परन्तु पार्टी द्वारा पांच राज्यों में जीती गई सीटों की गिनती अवश्य बढ़ी है। 2014 में लोकसभा चुनाव की तुलना में अब स्थिति बेहतर हुई है। पंजाब में तो कांग्रेस ने कै. अमरेन्द्र सिंह के नेतृत्व में 117 विधानसभा सीटों में से 77 सीटें जीतकर शानदार प्रदर्शन किया।
गोवा तथा मणिपुर में भी कांग्रेस की सीटें पहले की तुलना में बढ़ीं, परन्तु इन 2 छोटे राज्यों को विश्लेशण में शामिल नहीं किया गया, क्योंकि यहां पर लोकसभा की नाममात्र सीटें आती हैं। चुनावी आंकड़ों के अनुसार 10 राज्यों महाराष्ट्र, झारखंड, बिहार, दिल्ली, बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम, उत्तर प्रदेश तथा पंजाब में 2014 के लोकसभा चुनावों के बाद विधानसभा के चुनाव हुए। इन 10 राज्यों में लोकसभा की लगभग 60 प्रतिशत सीटें आती हैं। औसत 543 विधानसभा सीटों में से 317 सीटें इन 10 राज्यों में पड़ती हैं। 2014 के लोकसभा चुनावों के आधार पर अगर विश्लेषण किया जाए तो इन 10 राज्यों में कांग्रेस ने लगभग 1544 सीटों पर चुनाव लड़ा, जिसमें से वह केवल 2014 में 194 विधानसभा सीटों पर ही विजय प्राप्त कर सकी थी। 2014 में मोदी लहर देश भर में चली थी। जीत के हिसाब से प्रतिशत 13 बनता था।
लोकसभा चुनाव के बाद अब इन 10 राज्यों में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 1032 विधानसभा सीटों पर अपने चुनावी मैदान में उतारे, जिसमें से वह 258 सीटें जीतने में कामयाब हुई, जिससे जीत का प्रतिशत 25 बनता है। 2014 की तुलना में पार्टी अपनी जीत का प्रतिशत दुगना करने में कामयाब रही। 2014 में प्रत्येक 100 मतदाताओं के पीछे 20 ने इन दस राज्यों में कांग्रेस को वोट डाली थी।
2014 के बाद हुए राज्य विधानसभा चुनावों में प्रत्येक 100 मतदाताओं के पीछे 30 ने कांग्रेस को वोट डाली थी, इस तरह वोट शेयर के हिसाब से कांग्रेस को 10 प्रतिशत ज्यादा वोटें पड़ीं। चाहे कई राज्यों में पार्टी की सरकार नहीं बन सकी, परन्तु कांग्रेस की स्थिति उतनी बुरी नहीं है, जितनी दर्शाई जा रही है। आंकड़ों से पता चलता है कि कांग्रेस ने अपना वोट प्रतिशत तथा जीतने वाली सीटों की गिनती अवश्य बढ़ाई है।