Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Jan, 2018 03:25 PM
2019 में लोकसभा चुनाव होने हैं। जिसको लेकर कांग्रेस ने राज्य के छह लोकसभा सीटों पर नए चेहरे ढूंढने की शुरुआत कर दी है। मिशन-2019 को ....
चंडीगढ़: 2019 में लोकसभा चुनाव होने हैं। जिसको लेकर कांग्रेस ने राज्य के छह लोकसभा सीटों पर नए चेहरे ढूंढने की शुरुआत कर दी है। मिशन-2019 को देखते हुए इन सीटों पर अभी से वर्कआउट करना शुरू कर दिया है, ताकि छह माह बाद जैसे ही पार्टी चुनावी मोड में आए तो उनके समक्ष प्रत्याशी को लेकर परेशानी न खड़ी हो। यह वह छह सीटें हैं, जहां पर 2014 में चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशी अब विधायक बन चुके हैं, जबकि दो प्रत्याशी मंत्री हैं।
जानकारी के मुताबिक श्री आनंदपुर साहिब, बठिंडा, खडूर साहिब, फतेहगढ़ साहिब, फिरोजपुर और संगरूर लोकसभा सीटों को लेकर कांग्रेस पार्टी में बड़े स्तर पर मंथन शुरू हो गया है। चूंकि बात आधा दर्जन सीटों की है। इसलिए भी पार्टियां इसे गंभीरता से ले रही हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि 2014 में बठिंडा सीट से मनप्रीत बादल और फतेहगढ़ साहिब से साधू सिंह धर्मसोत ने चुनाव लड़ा था। वे वर्तमान कांग्रेस सरकार में मंत्री हैं, जबकि खडूर साहिब से चुनाव लडऩे वाले हरमिंदर सिंह गिल पंट्टी से और संगरूर से चुनाव लडऩे वाले विजय इंदर सिंगला विधायक हैं। फिरोजपुर से सुनील जाखड़ चुनाव लड़े थे। वे वर्तमान में गुरदासपुर से सांसद हैं। अब उनके ऊपर होगा कि वह अपनी सीट बदलते हैं या दोबारा गुरदासपुर से चुनाव लड़ते हैं।
वहीं, श्री आनंदपुर साहिब से अंबिका सोनी चुनाव लड़ी थीं, जिनके इस बार चुनाव मैदान में उतरने की संभावना नहीं है। वहीं, होशियारपुर और फरीदकोट की स्थिति भी कमोवेश दयनीय ही है। क्योंकि होशियारपुर से 2014 में मोहिंदर सिंह के.पी. और फरीदकोट से जोगिंदर सिंह पंजगराई चुनाव लड़े थे और हार गए थे। 2017 के विधानसभा में के.पी. आदमपुर और जोगिंदर सिंह भदौड़ से चुनाव हार गए थे। दोनों ही प्रत्याशियों का हलका भी बदला गया था। कांग्रेस इन दो हलकों को लेकर भी गंभीर है।
हाईकमान के साथ भी उठा मामला
जानकारी के अनुसार पिछले दिनों दिल्ली में राहुल गांधी की ओर से संगठन को लेकर ली गई बैठक में भी यह मुद्दा उठा था, जिसे लेकर राहुल ने नए चेहरों को चिन्हित करने के भी निर्देश दिए। चूंकि पंजाब के 13 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस को 8 सीटों पर प्रत्याशियों के चेहरों को लेकर फैसला करना है। इसलिए भी कांग्रेस अभी से ही नए चेहरों को लेकर गंभीर होने लगी है।