Edited By Updated: 18 Jan, 2017 03:18 PM
लुधियाना ईस्ट सीट पर कांग्रेस के दो सांसदों (एक मौजूदा, एक पूर्व) की जद्दोजहद में रवनीत बिट्टू बाजी मार गए। मनीष तिवारी यहां से टिकट के लिए पूरी ताकत लगा रहे थे, लेकिन बिट्टू का विरोध उन पर भारी पड़ा।
चंडीगढ़ःलुधियाना ईस्ट सीट पर कांग्रेस के दो सांसदों (एक मौजूदा, एक पूर्व) की जद्दोजहद में रवनीत बिट्टू बाजी मार गए। मनीष तिवारी यहां से टिकट के लिए पूरी ताकत लगा रहे थे, लेकिन बिट्टू का विरोध उन पर भारी पड़ा।
लोकसभा चुनाव में तिवारी ने जब यहां से लड़ने से इनकार किया था तो लोग उनके खिलाफ थे। लॉबिंग करके बिट्टू ने तिवारी को लुधियाना की पॉलिटिक्स से आउट कर दिया। पार्टी ने बिट्टू के करीबी कौंसलर संजय तलवार को टिकट दी है लेकिन इस कड़ी में मनीष तिवारी पीछे रह गए।
लुधियाना के अलावा अमृतसर साउथ का भी फैसला मंगलवार को हो गया। वहां अकाली दल से कांग्रेस में आए इंद्रबीर बुलारिया को टिकट दिया गया। बुलारिया के नाम की घोषणा होते ही अकाली दल ने भी मजीठिया के निकटवर्ती गुरप्रताप सिंह टिक्का को टिकट दे दी। कांग्रेस इस सीट पर हरजिंदर सिंह ठेकेदार और जसबीर सिंह डिंपा जैसे नेताओं को कैसे मनाएगी, यह तो आज के बाद ही साफ होगा, जब सारे नामांकन दाखिल हो जाएंगे।
तीसरी और आखिरी फंसी हुई मानसा सीट कांग्रेस ने पूर्व विधायक मंगत राम बंसल की पत्नी मंजू बंसल को दे दी गई। हिंदू वोट बैंक और खासतौर पर अग्रवाल बिरादरी को अपने साथ बनाए रखने के लिए पार्टी ने यह दांव खेला है। मंगत राम बंसल की मानसा में अच्छी पकड़ है, लेकिन एक केस में सजा के कारण वे चुनाव नहीं लड़ सकते। चूंकि सोमवार को जालंधर से राजकुमार गुप्ता की टिकट काटकर पार्टी ने अग्रवाल बिरादरी की नाराजगी झेली थी, आज मंजू बंसल को मानसा में टिकट देकर नाराजगी काफी हद दूर करने की कोशिश की है।