Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Jun, 2017 04:59 PM
पंजाब सरकार द्वारा विधानसभा में पेश किए गए पहले बजट को लेकर किसानों और व्यापारी वर्ग में खुशी की लहर पाई जा रही है। उधर,सरकार के इन फैसलों के बाद विरोधी सुरों को भी एक बार लगाम लगी है।
जलालाबाद (सेतिया): पंजाब सरकार द्वारा विधानसभा में पेश किए गए पहले बजट को लेकर किसानों और व्यापारी वर्ग में खुशी की लहर पाई जा रही है। उधर,सरकार के इन फैसलों के बाद विरोधी सुरों को भी एक बार लगाम लगी है।
कांग्रेस बुद्धिजीवी सैल के सूबा चेयरमैन अनीश सिडाना का कहना है कि पंजाब सरकार द्वारा आर्थिक पक्ष से पिछड़ चुके किसानों को सही राह पर लाने के लिए 5 एकड़ जमीन वाले किसानों को 2 लाख रुपए तक का कर्ज माफ करने का ऐलान सही है। श्री सिडाना ने कहा कि सरकार किसानी को बचाने और खुशहाल करने के लिए पूरी तरह वचनबद्ध है।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा लड़कियों की उच्च शिक्षा बिल्कुल मुफ़्त करने का फैसला प्रशंसनीय है कि क्योंकि जरूरतमंद परिवारों की लड़कियां अक्सर ही उच्च शिक्षा से वंचित रह जातीं हैं परन्तु यदि सरकार के प्रयासों के साथ लड़कियों की उच्च शिक्षा का प्रबंध होता है तो भविष्य में आम लोगों में भी लड़कियाँ को उच्च शिक्षा दिलाउण के लिए कोई परेशानी नहीं आएगी।
यूथ कांग्रेस जि़ला फिरोजपुर के जनरल सेक्रेटरी कुलदीप धवन का कहना है कि अभी तो पहले बजट सैशन में सरकार ने अहम फैसले लिए हैं और इस के बाद आगे भी सरकार आम लोगों के लिए कदम उठाती रहेगी। उन्होंने कहा कि विरोधी पार्टियों द्वारा कांग्रेस सरकार पर सवाल खड़े किये जा रहे थे कि सरकार सत्ता में आने के बाद सब भूल रही है परन्तु मुख्य मंत्री जी ने पहले बजट सैशन में दिखा दिया है कि सरकार लोक हितों के लिए कितना जल्दी काम कर रही है और भविष्य में भी इस तरह के फैसले लिए जाएंगे।
उद्योगपति और राइस मिल्लर एसोसिएशन के प्रधान केवल कृष्ण मुटनेजा और आढ़तिया यूनियन के प्रधान जरनैल सिंह मुखीजा का कहना है कि पंजाब सरकार की तरफ से ट्रक यूनियनों को खत्म करने का फैसला लिया गया है। इस के साथ ट्रक मालिकों से वसूली जाती गुंडा पर्ची बंद होगी और व्यापारी वर्ग को भी राहत मिलेगी।
उद्योगपति राकेश मिड्ढा और रजिन्दर घीक का कहना है कि पिछले सालों दौरान पंजाब में इंडस्ट्रीज फालतू खर्चों के कारण बंद होने की कगार पर खड़ी हो गई थी और अब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह द्वारा पहले बजट सत्र में बिजली दरों में कटौती कर इंडस्ट्रीज को राहत दी है।