Edited By Updated: 17 Jan, 2017 08:49 AM
एक तरफ जहां केजरीवाल द्वारा लगातार दिए जा रहे चैलेंज को स्वीकार करते हुए लंबी से सी.एम. प्रकाश सिंह बादल के खिलाफ कैप्टन
लुधियाना(हितेश): एक तरफ जहां केजरीवाल द्वारा लगातार दिए जा रहे चैलेंज को स्वीकार करते हुए लंबी से सी.एम. प्रकाश सिंह बादल के खिलाफ कैप्टन अमरेन्द्र सिंह चुनाव लडऩे जा रहे हैं। वहीं, नवजोत सिद्धू के इंकार करने पर सुखबीर बादल के खिलाफ लुधियाना से सांसद रवनीत बिट्टू को जलालाबाद से मैदान में उतारने का जो फैसला लिया गया है, वह फार्मूला कांग्रेस ने 2014 के लोकसभा चुनावों में भी अपनाया था। लेकिन इस बारे उसे लागू करने में हुई देरी को ‘आप’ का पैंतरा फालो करने के रूप में देखा जा रहा है। वर्णनीय है कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनावों में दिग्गजों के सामने बड़े चेहरे उतारने की रणनीति अपनाई थी ताकि मुकाबला रोचक बनाया जा सके और अकाली-भाजपा के प्रमुख नेताओं को ज्यादा समय अपनी सीटों पर देने के कारण बाकी जगह प्रचार करने का टाइम न मिले। इसके तहत पूर्व मंत्री अंबिका सोनी को आनंदपुर साहिब, साधु सिंह धर्मसोत को फतेहगढ़ साहिब, जोगिन्द्र पंजगराई को फरीदकोट, सुनील जाखड़ को फिरोजपुर से उतारने का फार्मूला तो काम नहीं आया जबकि अमृतसर से कैप्टन को अरुण जेतली के मुकाबले जीत मिल गई थी।
यह फार्मूला अब आम आदमी पार्टी ने विधानसभा चुनावों में अपनाया है, जिन्होंने सुखबीर बादल के खिलाफ संगरूर से सांसद भगवंत मान, लंबी से दिल्ली के विधायक जरनैल सिंह, मजीठिया के विरुद्ध हिम्मत शेरगिल को उतारा है। इन सीटों की चर्चा पूरे पंजाब में है। इस रास्ते पर कांग्रेस भी चलना चाहती है। यही वजह है कि नवजोत सिद्धू के लिए रिजर्व मानी जा रही अमृतसर लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने उम्मीदवार घोषित कर दिया है और फिर सिद्धू को सुखबीर बादल के खिलाफ उतारने पर विचार किया गया, क्योंकि जलालाबाद पर पहले से भगवंत मान के होने के कारण वह सीट सख्त मुकाबले में है और सिद्धू के आने पर हालात काफी रोचक हो जाएंगे। ऐसे में बिट्टू को सुखबीर के खिलाफ जलालाबाद से उम्मीदवार बनाया गया है।