Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Jul, 2017 02:54 AM
प्रदेश की कैप्टन सरकार में कुछ भी अच्छा नहीं चल रहा है। सरकार की कार्यप्रणाली से नाराज कई .....
जालंधर(रविंदर): प्रदेश की कैप्टन सरकार में कुछ भी अच्छा नहीं चल रहा है। सरकार की कार्यप्रणाली से नाराज कई कांग्रेसी विधायक लगातार अकाली दल के संपर्क में हैं। कैप्टन सरकार की सिर्फ 4 महीने की कार्यप्रणाली से ये विधायक इस कदर खफा हो चुके हैं कि वह पाला तक बदलने के मूड में हैं।
अभी सब कुछ कहना चाहे कुछ जल्दबाजी हो, मगर हकीकत यह है कि कैप्टन सरकार के विधायक गुड फील नहीं कर रहे हैं। अगर आने वाले एकाध महीने में ऐसा ही चलता रहा तो यह कैप्टन सरकार के लिए खतरे की घंटी हो सकता है। विधायकों के दिल का दर्द इस बात को लेकर है कि न तो उनकी सरकार में कोई सुनवाई हो रही है और न ही ब्यूरोक्रेसी में।
विधायकों का कहना है कि ब्यूरोक्रेसी इस सरकार में इस कदर हावी हो चुकी है कि विधायकों का वजूद ही खत्म होने लगा है। न तो मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ही किसी विधायक को मिल रहे हैं और न ही जिला स्तर पर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों में विधायकों की बात पर मोहर लग रही है, न किसी विधायक की सिफारिश पर कोई ट्रांसफर हो पा रही है और न ही विधायक अपने मनमाफिक एस.एच.ओ. व डी.एस.पी. लगा पा रहे हैं। ऐसे में सभी पार्टी विधायक एक तरह से पंगू होकर रह गए हैं। विधायक अब अपने इस मन के दर्द को अकाली दल से शेयर भी करने लगे हैं। सबसे ज्यादा गुस्सा विधायकों में वी.आई.पी. कल्चर खत्म करने को लेकर है।
विधायकों का कहना है कि ऐसा लग रहा है कि वह जनप्रतिनिधि है ही नहीं और जीतने के बाद भी उन्हें विधायक होने का दर्जा नहीं मिल पा रहा है। अपनी शिकायतों व मुश्किलों को लेकर विधायक रोजाना पंजाब सैक्रेटरिएट पहुंच रहे हैं, मगर वहां उनकी कोई सुनने वाला नहीं है। न तो मुख्यमंत्री रूटीन में विधायकों की बात सुन रहे हैं और न ही मुख्यमंत्री ने अभी तक किसी जिले का ऑफिशियली दौरा किया है। 4 महीने के दौरान हुई लगातार ट्रांसफर से भी विधायक खुश नहीं हैं। विधायकों के अपने एरिया क्षेत्र में उनकी न तो कोई सिफारिश ट्रांसफर मामले में चल पा रही है और न ही वह अपने मनमाफिक किसी मुलाजिम व अधिकारी को अपने एरिया में लगवा पा रहे हैं। कई विधायकों ने अपने-अपने स्तर पर कुछ नामों की सिफारिश की थी, मगर किसी भी विधायक की कोई सुनवाई नहीं हुई।
अकेले शिक्षा विभाग ने ही 5500 के करीब तबादलों की एप्लीकेशनें विधायकों के जरिए रिसीव की थीं। मगर इनमें से किसी पर भी मोहर नहीं लगाई गई। पार्टी के 5 से 6 विधायकों ने मुख्यमंत्री के पास शिक्षा मंत्री की शिकायत भी की थी, मगर मुख्यमंत्री दरबार में भी उनकी एक न चली। अंदरखाते यह ङ्क्षचगारी बेहद गंभीर रूप धारण कर चुकी है। मगर मौखिक तौर पर अभी कैप्टन के खिलाफ कोई विधायक खुलकर बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। पार्टी के वित्त मंत्रालय से भी सभी विधायक बेहद निराश हैं। वित्त मंत्रालय से विधायकों को कोई ग्रांट नहीं मिल पा रही है, जिससे सभी जिलों में विकास के काम लटके हुए हैं।
वित्त मंत्रालय का साफ कहना है कि अभी पहले सरकार की ओर से किसानों के कर्ज माफी व अन्य मदों की घोषणा को पूरा करने के लिए फंड जुटाया जा रहा है। जिलों के विकास के लिए ग्रांट बाद में जारी की जाएगी। केवल विधायक ही नहीं, पार्टी के कुछ कैबिनेट मंत्री भी वित्त मंत्रालय की वर्किंग से खुश नहीं हैं और लगातार मुख्यमंत्री के पास अपनी मांगों को पहुंचाया जा रहा है। पार्टी के एक सीनियर कैबिनेट मंत्री का कहना है कि अभी सरकार के प्रति विधायकों के इस गुस्से की बात करना बेहद जल्दबाजी है। सरकार अपना काम बखूबी कर रही है। पिछली अकाली-भाजपा सरकार ने पूरा सिस्टम 10 साल में ध्वस्त कर दिया था। कैप्टन सरकार फिलहाल जनता से किए वायदों को निभाने और सिस्टम को सुधारने में जुटी हुई है और जल्द ही सब कुछ ठीक हो जाएगा।
कैप्टन सरकार नाकारा, विधायक संपर्क में: सुखबीर बादल
अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल का भी मानना है कि कैप्टन की कार्यप्रणाली से परेशान कुछ कांग्रेसी विधायक अकाली दल के संपर्क में हैं। सुखबीर बादल का कहना है कि कैप्टन सरकार पूरी तरह से नाकाम साबित हुई है। सभी जिलों के विकास कार्य रुके हुए हैं और ऐसा लग रहा है कि प्रदेश में कोई सरकार काम ही नहीं कर रही है।
कांग्रेस सरकार पूरी तरह से फेल: प्रकाश सिंह बादल
पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का कहना है कि सिर्फ 4 महीने के छोटे से अंतराल में ही कांग्रेस सरकार प्रदेश में पूरी तरह से फेल साबित हुई है। न तो प्रदेश की जनता ही सरकार से खुश है, न ही कांग्रेस के विधायक ही सरकार के कामकाज से खुश नजर आ रहे हैं।