Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Nov, 2017 10:32 AM
नगर निगम चुनाव कमेटियां बनाने के बाद कांग्रेस में चुनावी हलचल बेहद तेज हो गई है। संभावना है कि सरकार अगले कुछ दिनों में निगम चुनाव की घोषणा कर सकती है। ऐसे में टिकट के दावेदारों की सरगर्मियां भी बढ़ गई हैं। कांग्रेस हाईकमान ने निगम चुनाव संबंधी बनी...
जालंधर(रविंदर शर्मा): नगर निगम चुनाव कमेटियां बनाने के बाद कांग्रेस में चुनावी हलचल बेहद तेज हो गई है। संभावना है कि सरकार अगले कुछ दिनों में निगम चुनाव की घोषणा कर सकती है। ऐसे में टिकट के दावेदारों की सरगर्मियां भी बढ़ गई हैं। कांग्रेस हाईकमान ने निगम चुनाव संबंधी बनी कमेटी की मीटिंग से पहले प्रत्येक वार्ड से दावेदारियां मांगी हैं जिनके आने के बाद ही इन पर मीटिंग में फैसला किया जाएगा। निगम चुनाव कमेटी के मैंबर जिला कांग्रेस प्रधान दलजीत सिंह आहलूवालिया का कहना है कि जीतने की क्षमता वाले नेता को ही निगम चुनाव के लिए टिकट दी जाएगी। नेता की इलाके में पकड़, जनता के साथ व्यवहार, पार्टी की नीतियों और साफ-सुथरी छवि को पार्टी अहमियत देगी।
उलटी भी पड़ सकती है दावेदारियों की गेम
गौर हो कि कांग्रेस हाईकमान ने विधानसभा चुनाव से पहले भी दावेदारियों की गेम खेली थी। हालांकि यह गेम विधानसभा चुनाव में इसलिए सफल हो गई थी क्योंकि टिकट देते समय अन्य दावेदारों को बाद में चेयरमैनी या पार्टी संगठन में उच्च पद देने की बात कही गई थी। ऐसे में सभी दावेदारों ने खुल कर प्रचार किया था, जिसका फायदा कांग्रेस को मिला था। मगर निगम चुनाव में यह गेम पार्टी के लिए उलटी पड़ सकती है। कारण साफ है कि प्रत्येक सीट से नगर निगम चुनाव के लिए 10-10 दावेदार हैं। अनेक दावेदारों को हलका विधायकों ने भी लॉलीपॉप देकर रखा है। ऐसे में अगर किसी एक के नाम पर मोहर लगती है तो अन्य 9 दावेदार या तो बगावत पर उतर आएंगे अथवा पार्टी के उम्मीदवार की हार की नींव रखेंगे।
नेताओं का दावा,टिकटों का बंटवारा अंदरूनी लोकतंत्र के आधार पर
वहीं पार्टी नेताओं का दावा है कि कांग्रेस हमेशा अंदरूनी लोकतंत्र के आधार पर ही टिकटों का बंटवारा करती है, ऐसे में प्रत्येक वार्ड से दावेदारियां लेना जरूरी है। गौर हो कि प्रदेश कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ ने सोमवार को निगम चुनाव कमेटियों का ऐलान किया था। इसमें कैबिनेट मंत्री अरुणा चौधरी, सांसद चौधरी संतोख सिंह व जिला प्रधान दलजीत सिंह आहलूवालिया को शामिल किया गया था। चूंकि अरुणा चौधरी जिले से बाहर की हैं, ऐसे में जिले में नगर निगम
चुनाव लड़वाने की पूरी जिम्मेदारी जिला प्रधान दलजीत सिंह आहलूवालिया व सांसद चौधरी संतोख सिंह के कंधों पर होगी।