Edited By Updated: 22 Feb, 2017 02:11 PM
रिटायर्ड टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ की छुट्टी, वित्तीय खर्च कम करने, वेतन समय पर मिलने जैसे अहम मुद्दों को लेकर पिछली 8 फरवरी के बाद यूनिवर्सिटी में मुलाजिमों द्वारा छेड़े घमासान के खत्म होने के बाद आखिर पंजाबी यूनिवर्सिटी के उप-कुलपति डा. जसपाल...
पटियाला(जोसन) : रिटायर्ड टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ की छुट्टी, वित्तीय खर्च कम करने, वेतन समय पर मिलने जैसे अहम मुद्दों को लेकर पिछली 8 फरवरी के बाद यूनिवर्सिटी में मुलाजिमों द्वारा छेड़े घमासान के खत्म होने के बाद आखिर पंजाबी यूनिवर्सिटी के उप-कुलपति डा. जसपाल सिंह यूनिवर्सिटी में प्रकट हो गए हैं और वी.सी. ने आज अपने दफ्तर में संगत दर्शन करके मुलाजिमों, विद्यार्थियों और अन्यों की समस्याएं भी सुनीं। वर्णनीय है कि उप-कुलपति 8 फरवरी से ही यूनिवर्सिटी नहीं आ रहे थे।
उप-कुलपति डा. जसपाल सिंह ने यूनिवर्सिटी पहुंचते ही अपनी पुरानी शैली में ही संगत दरबार लगाया और शाम तक वी.सी. अपने दफ्तर में ही डटे रहे, वी.सी. ने कई अहम फाइलों पर हस्ताक्षर भी किए जोकि पिछले कई दिनों से रुकी आ रही थीं। इस दौरान 28 फरवरी को फारिग होने के आर्डर लेकर सेवामुक्त प्रोफैसर डा. जसविन्द्र सिंह की अगुवाई में अध्यापकों का एक शिष्टमंडल वी.सी. से मिला। जानकारी के अनुसार इस शिष्टमंडल ने वी.सी. के सामने अपना रोष जाहिर किया है।
पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला हर 5 वर्ष बाद विधानसभा चुनावों से पहले या बाद में इसी तरह की राजनीति का शिकार होती है, 2012 में भी इस तरह ही पंजाबी यूनिवर्सिटी में धरने शुरू हो गए थे पर अकाली दल की सरकार बनने के बाद सब कुछ एकदम शांत हो गया था और उप-कुलपति पूरे 5 वर्ष यूनिवॢसटी में ही डटे रहे और सब कुछ शांत रहा। पंजाबी यूनिवर्सिटी पिछले 10 वर्षों से घाटे में चल रही है और पिछले 5 वर्षों से तो बड़े वित्तीय संकट में है।
सेवामुक्त अध्यापक हाईकोर्ट जाने को हुए तैयार
सेवामुक्त अध्यापकों ने गत दिवस की प्रकट हुई स्थिति के बाद अपनी मीटिंग की है और लगभग सभी अध्यापक इस बात से सहमत थे कि मामला हाईकोर्ट पहुंचाया जाए ताकि इंसाफ लिया जा सके। सेवामुक्त अध्यापकों के कन्वीनर डा. जसविन्द्र सिंह का कहना है कि अगले संघर्ष के लिए योजना बनाई जा रही है और हाईकोर्ट जाने सहित सभी विकल्प खुले रखे हुए हैं।
फैसले की गाज गिरेगी कई अधिकारियों पर
पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला द्वारा लिए फैसले की गाज कई अहम पदों पर बैठे मलाई खा रहे नॉन-टीचिंग अधिकारियों पर भी गिरी है, पिछले लंबे समय से वी.सी. के पी.ए. की अहम कुर्सी पर, रजिस्ट्रार के पी.ए. की अहम कुर्सी पर, अन्य कई विभागों में अहम पदों पर बैठे अधिकारियों की यूनिवॢसटी के इस आदेश के बाद छुट्टी तय है।