Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Nov, 2017 07:32 AM
नकोदर रोड पर आबादपुरा के बाहर स्थित कार्डियोनोवा अस्पताल में कपूरथला के मरीज की मौत होने के बाद मरीज के परिजनों ने जमकर हंगामा किया और मेन नकोदर रोड को जाम कर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। मृतक के बेटे मनदीप सिंह ने बताया कि उनके पिता को शाम के समय...
जालंधर(राजेश): नकोदर रोड पर आबादपुरा के बाहर स्थित कार्डियोनोवा अस्पताल में कपूरथला के मरीज की मौत होने के बाद मरीज के परिजनों ने जमकर हंगामा किया और मेन नकोदर रोड को जाम कर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। मृतक के बेटे मनदीप सिंह ने बताया कि उनके पिता को शाम के समय अचानक सीने में दर्द हुआ, जिस पर उन्होंने उन्हें कार्डियोनोवा अस्पताल नकोदर रोड में भर्ती करवाया और अस्पताल में 14 हजार रुपए भी जमा करवा दिए, पर इलाज के लिए किसी स्टाफ ने अपनी जिम्मेदारी नहीं समझी। आधा घंटा बीतने के बाद भी डाक्टर नहीं आया।
जब डाक्टर नहीं पहुंचा तो वे मरीज को अस्पताल से कहीं और लेकर जाने लगे तो एंबुलैंस चालक ही नहीं मिला और मरीज ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। उन्होंने डाक्टर तथा अस्पताल के स्टाफ पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए उन पर मामला दर्ज करने की मांग की।सड़क जाम की खबर मिलते ही ए.डी.सी.पी सुडरविजी, ए.सी.पी. कैलाश चंद्र, थाना भार्गव कैम्प के इंस्पैक्टर जीवन सिंह मौके पर पहुंचे।
देर रात पुलिस ने मरीज के परिजनों को शांत करवाकर प्रदर्शन बंद करवाया। मरीज के परिजनों को पुलिस ने मैडीकल बोर्ड बैठाने की बात कही व डाक्टर की लापरवाही सामने आने पर डाक्टर के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन दिया, जिसके बाद मरीज के परिजनों ने प्रदर्शन बंद किया। ए.सी.पी. कैलाश चंद्र ने बताया कि शव कब्जे में ले लिया गया है तथा मरीज की मौत पर डाक्टरों का बोर्ड बैठाया जा रहा है, जिसकी रिपोर्ट के बाद ही कार्रवाई की जाएगी।
ब्लड प्रैशर कम होने से हुई मरीज की मौत : डा. नितिश गर्ग
कार्डियोनोवा अस्पताल में मरीज की मौत के बाद अस्पताल के डा. नितिश गर्ग ने बताया कि मरीज रघुबीर सिंह को हार्ट अटैक हुआ था, जिसकी मौत ब्लड प्रैशर कम होने के कारण हुई है न कि स्टाफ या डाक्टर की लापरवाही से। उन्होंने बताया कि मरीज 6 बजे उनके अस्पताल में आया था तथा वहां उनके स्टाफ ने डेढ़ घंटा उसका इलाज किया पर ब्लड प्रैशर कंट्रोल में नहीं आया। उन्होंने बताया कि वह खुद अस्पताल में मौजूद नहीं थे। इलाज करवाने के बाद मरीज के परिजन मरीज को अन्य अस्पताल ले गए जहां उसकी मौत हो गई।