Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Oct, 2017 11:47 AM
माल विभाग में पारदर्शिता लाने के लिए पंजाब सरकार की तरफ से कई प्रयास किए जा रहे हैं।
अमृतसर (नीरज): माल विभाग में पारदर्शिता लाने के लिए पंजाब सरकार की तरफ से कई प्रयास किए जा रहे हैं। डिवीजनल कमिश्नर जालंधर डिवीजन राज कमल चौधरी, डी.सी. कमलदीप सिंह संघा व एस.डी.एम. राजेश शर्मा की तरफ से तहसील अमृतसर (टू) का निरीक्षण किया गया और अधिकारियों को आदेश दिए कि रजिस्ट्रियों की डिलीवरी एक दिन में की जाए।कमिश्नर ने कहा कि आमतौर पर देखने में आया है कि नायब तहसीलदार व तहसीलदार स्तर के अधिकारी एक ही दिन में रजिस्ट्री की डिलीवरी नहीं करते हैं और कई दिनों बाद लोगों को रजिस्ट्री दी जाती है ऐसा नहीं होना चाहिए।
इसके अलावा रजिस्ट्री करवाने वाले लोगों का 45 दिनों के भीतर इंतकाल होना चाहिए और बकायदा पर्चा रजिस्ट्री पटवारियों के पास भेजी जाए, ताकि निश्चित समय में इंतकाल हो सके। उन्होंने रजिस्ट्री दफ्तरों में बैठने वाले तहसीलदारों व नायब तहसीलदारों को आदेश दिए कि वे अपने दफ्तरों में सुबह 9 बजे से लेकर शाम बजे तक बैठना यकीनी बनाएं। यदि किसी सरकारी ड्यूटी पर संबंधित रजिस्ट्री अफसर को जाना पड़ता है तो अपने स्थान पर किसी दूसरे अधिकारी को बिठा जाएं, ताकि रजिस्ट्री दफ्तरों में आने वाले लोगों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
बतौर कमिश्रर जालंधर डिवीजन तैनाती के बाद पहली बार अमृतसर तहसील का निरीक्षण करने आए राज कमल चौधरी ने कहा कि जमीनों के तकसीम केस भी तुरंत निपटाए जाएं, ताकि आम जनता के जमीनी विवाद हल हो सकें। इसके अलावा सभी अधिकारी पटवारखानों की भी रुटीन में चैकिंग करें ताकि पटवारियों की अपने दफ्तरों में उपस्थिति यकीनी बनाई जा सके।
इलाके का नंबरदार ही रजिस्ट्री में दे गवाही
कमिश्नर जालंधर डिवीजन राजकमल चौधरी ने डी.सी. व अन्य अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि रजिस्ट्री दफ्तरों में पारदॢशता लाई जाए और इलाके का नंबरदार ही अपने इलाके की रजिस्ट्री में गवाही दे, ताकि जमीनों की खरीद-फरोख्त में होने वाले फ्रॉड केस कम हो सकें इसके अलावा रजिस्ट्रियों में गवाही देने वाले वकीलों के लिए भी बार एसोसिएशन के साथ संपर्क किया जाए और बार एसोसिएशन की तरफ से चुने गए वकीलों की ही गवाही ली जाए।
बताते चलें कि ज्यादातर मामलों में देखा जाता है कि एक ही नंबरदार सभी इलाकों की रजिस्ट्रियों में गवाही डालता है, जबकि नियमानुसार ऐसा हो नहीं हो सकता है। माल विभाग के नियमानुसार जिस इलाके या गांव की रजिस्ट्री हो उसी इलाके का नंबरदार उस रजिस्ट्री में गवाही डाल सकता है, लेकिन रजिस्ट्री दफ्तरों में देखा जाता है कि एक नंबरदार दूसरे इलाके की रजिस्ट्री में भी गवाही डाल रहा होता है।
टोकन सिस्टम से किया जाए काम, काबिज न हों कुछ वसीका नवीस
रजिस्ट्री दफ्तरों में आने वाली जनता को सुविधा देने के लिए कमिश्रर जालंधर डिवीजन राजकमल चौधरी ने तहसीलदारों व नायब तहसीलदारों को आदेश जारी किए हैं कि वे रजिस्ट्री करते समय टोकन सिस्टम का प्रयोग करें और बारी के अनुसार ही लोगों की जमीन-जायदाद की रजिस्ट्री करें। यह न हो कि कुछ वसीका नवीस ही रजिस्ट्री दफ्तरों में काबिज हो जाएं और चुनिंदा वसीका नवीसों की पहल के आधार पर रजिस्ट्री हो, ऐसा नहीं होना चाहिए। सभी वसीका नवीसों का एक समान पहल दी जाए। रजिस्ट्री दफ्तरों में आने वाले लोगों को यदि समस्या आती है तो एस.डी.एम. व अन्य उच्चाधिकारी इन समस्याओं का निपटारा करें। पटवारियों को कमिश्नर ने आदेश दिए हैं कि वे अपनी जमाबंदी को समय पर बनाएं और जमा करवाएं ताकि माल विभाग का सारा रिकार्ड पानी की तरह साफ हो।