Edited By Updated: 21 Jan, 2017 10:15 PM
पंजाब में भाजपा प्रत्याशियों को अपनों से ही ज्यादा खतरा है। ...
जालंधर(इलैक्शन डैस्क): पंजाब में भाजपा प्रत्याशियों को अपनों से ही ज्यादा खतरा है। टिकटों की घोषणा होते ही भाजपा अंतर कलह चरम सीमा पर पहुंच गई। भाजपा को मिली 23 सीटों में से 18 पर बगावत के हालात बने हुए हैं। भाजपा के केंद्रीय नेताओं के दौरे पंजाब में शुरू हो हो गए हैं। इसको देखते हुए हाईकमान सख्त नजर आ रहा है। प्रदेश भाजपा ने अपने प्रत्याशियों और कार्यकत्र्ताओं को स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि केंद्रीय नेताओं की रैलियों से पहले अपने मनमुटाव दूर कर लें। इसके बाद आपस में राजनीति करने वाले लोगों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। प्रदेश भाजपा नेतृत्व की ओर से जारी इस निर्देश से साफ हो गया है कि भाजपा हाईकमान पंजाब विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों को किसी भी तरह ‘अपनों’ से खतरा नहीं होने देना चाहता।
प्रदेश भाजपा का कहना है कि प्रदेश में उनके हिस्से में आई सभी 23 सीटों पर हाईकमान की नजर है। इनमें से कुछ सीटों पर चल रही खींचतान की सूचना भी हाईकमान के नोटिस में है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि इस खींचतान की जानकारी हाईकमान को यहां के स्थानीय कार्यकत्र्ताओं और विभिन्न एजैंसियों के माध्यम से मिल रही है। हालांकि पहले माना जा रहा था कि भाजपा हाईकमान प्रदेश में चल रहे चुनाव पर ज्यादा ध्यान नहीं दे रही है। इस निर्देश के बाद यह भी साफ हो गया है कि हाईकमान प्रदेश में अपनी सीटें आपसी खींचतान के चक्कर में खोना नहीं चाहता।
उल्लेखनीय है कि टिकट बंटवारे के समय से ही प्रदेश में टिकट के दावेदारों में हाईकमान के प्रति रोष बढ़ गया था। तभी से हाईकमान को भाजपा प्रत्याशियों को अपनों से खतरा होने की शिकायतें भी मिल रही थीं। अब भाजपा हाईकमान चाहता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली से पहले इस मसले का हल निकल जाए जिससे कि प्रदेश में चुनाव में फायदा उठाने के लिए रखी गई केंद्रीय नेताओं की रैली में भी विघ्र न पड़़े और साथ ही रैली से होने वाले फायदे से पार्टी प्रत्याशियों को हाथ न धोना पड़े।