Edited By Updated: 21 Nov, 2016 10:15 AM
मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि भगवान वाल्मीकि जी की मूर्ति दर्शन यात्रा आपसी प्रेम, सद्भावना और भाईचारक सांझ की प्रतीक है।
पटियाला : मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि भगवान वाल्मीकि जी की मूर्ति दर्शन यात्रा आपसी प्रेम, सद्भावना और भाईचारक सांझ की प्रतीक है। शंभू सराय में भगवान वाल्मीकि जी की 800 किलोग्राम सोने की परत वाली प्रतिमा को श्रद्धासुमन अर्पित करने के पश्चात उन्होंने कहा कि भगवान वाल्मीकि जी की यह विशाल मूर्ति राज्य स्तरीय समागम के दौरान अमृतसर के भगवान वाल्मीकि तीर्थ स्थल पर 1 दिसम्बर को स्थापित की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने प्रत्येक वर्ग के लोगों को अपील की कि वे बढ़चढ़ कर इस राज्य स्तरीय समागम में शामिल हों। राज्य सरकार द्वारा 200 करोड़ रुपए खर्च करके निर्मित की गई यह यादगार भगवान वाल्मीकि जी के जीवन, शिक्षाओं तथा उनकी सोच को विश्वभर में जीवित रखेगी और इसके साथ-साथ महान गुरु की अमीर विरासत को जीवित रखने के लिए सहायक होगी। उन्होंने कहा कि इस यादगार का डिजाइन गुरु नानक देव विश्वविद्यालय के आर्किटेक्टों द्वारा बनाया गया है जिन्होंने इस कार्य को संपूर्ण करते समय इस जगह की धार्मिक महत्ता का पूरा ख्याल रखा है।
उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में हमारी सरकार द्वारा अमृतसर में भगवान वाल्मीकि तीर्थ स्थल और होशियारपुर के खुरालगढ़ में गुरु रविदास जी यादगार शीघ्र ही मानवता को समर्पित कर दी जाएगी। इस अवसर पर पंजाब पुलिस के बैंड तथा घुड़सवारों की टुकड़ी द्वारा भगवान वाल्मीकि जी की मृत दर्शन यात्रा को सलामी भी दी गई।