Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Oct, 2017 10:17 AM
डी.ए.सी. के अंदर सुबह से लेकर शाम तक छुट्टी वाला माहौल देखने को मिला। अधिकतर अधिकारियों के दफ्तर खाली पड़े हुए थे, क्योंकि डेवियट में सी.एम. कैप्टन अमरेंद्र सिंह के कार्यक्रम की तैयारियां चल रही थीं। बड़ी गिनती में प्रशासनिक अधिकारी सी.एम. के स्वागत...
जालंधर(अमित): डी.ए.सी. के अंदर सुबह से लेकर शाम तक छुट्टी वाला माहौल देखने को मिला। अधिकतर अधिकारियों के दफ्तर खाली पड़े हुए थे, क्योंकि डेवियट में सी.एम. कैप्टन अमरेंद्र सिंह के कार्यक्रम की तैयारियां चल रही थीं। बड़ी गिनती में प्रशासनिक अधिकारी सी.एम. के स्वागत की तैयारियों में व्यस्त थे जिस कारण डी.सी. दफ्तर वीरान पड़ा हुआ था। अधिकारियों की गैर-मौजूदगी के कारण दूर-दराज से आए लोगों को एक बार फिर से मायूस होकर अपने घर वापस लौटना पड़ा और जनता के काफी काम पैंडिंग पड़ गए। डी.सी. दफ्तर में कामकाज बुरी तरह से प्रभावित हुआ। जिले में आए दिन होने वाले वी.आई.पी. प्रोग्राम आम जनता के जी का जंजाल बनने लगे हैं, क्योंकि ऐसे प्रोग्रामों की तैयारियों को लेकर अधिकारी व कर्मचारी पहले व्यस्त रहते हैं और अधिकारियों व कर्मचारियों की इस व्यस्तता का खमियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है, क्योंकि उन अधिकारियों से संबंधित सारे कामकाज कई-कई दिन पीछे पड़ जाते हैं। बुधवार को तो अधिकारी कार्यक्रम की तैयारियों में व्यस्त रहे, मगर गुरुवार को कार्यक्रम के चलते अधिकारियों का पूरा समय उसमें व्यतीत होगा।
अधिकारी सीधे तौर पर नहीं हैं दोषी
इस परेशानी को लेकर कोई भी अधिकारी या कर्मचारी सीधे तौर पर दोषी नहीं है, मगर अधिकारियों व कर्मचारियों की व्यस्तता के कारण बहुत से काम पैंङ्क्षडग पड़ते हैं। बहुत से काम ऐसे हैं, जिनको लेकर आम जनता के बीच गहरे रोष की भावना व्याप्त है, जिनमें मैरिज रजिस्ट्रेशन, जायदाद की रजिस्ट्रेशन, एफीडैविट अटैस्टेशन आदि कुछ सेवाएं ऐसी हैं जिनमें अधिकारियों के व्यस्त होने से आम जनता को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है।
अकाली-भाजपा सरकार की तुलना में वी.आई.पी. कार्यक्रमों की गिनती है कम
मौजूदा कांग्रेस सरकार की अगर बात करें तो फिल्हाल वी.आई.पी. कार्यक्रम अधिक नहीं हो रहे हैं, जबकि पूर्व अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार के समय आए दिन जिले में कोई न कोई वी.आई.पी. कार्यक्रम चलता रहता था, जिसकी वजह से आम जनता को काफी परेशानी झेलनी पड़ती थी।