Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Feb, 2018 10:30 AM
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह की अगुवाई में बीते दिन सभी मंत्रियों ने स्वैच्छिक तौर पर आयकर भरने के फैसले का ऐलान किया है। जिसे इस समय सरकारी खजाने से अदा किया जा रहा है। यह घोषणा मंत्रिमंडल की बैठक दौरान मुख्यमंत्री द्वारा निजी तौर पर...
चंडीगढ़(ब्यूरो): पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह की अगुवाई में बीते दिन सभी मंत्रियों ने स्वैच्छिक तौर पर आयकर भरने के फैसले का ऐलान किया है। जिसे इस समय सरकारी खजाने से अदा किया जा रहा है। यह घोषणा मंत्रिमंडल की बैठक दौरान मुख्यमंत्री द्वारा निजी तौर पर की गई अपील के बाद की गई। विधायकों के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायकों द्वारा आयकर की खुद अदायगी के बारे अंतिम फैसला इस प्रस्ताव पर विधायकों की फीडबैक मिलने के बाद लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने अपने पार्टी साथियों और धनाढ्य किसानों को प्रदेश में सार्वजनिक हित में ट्यूबवैलों पर मुफ्त बिजली की सबसिडी छोडऩे की भी अपील की। मंत्रिमंडल ने उद्योग व वाणिज्य विभाग से अलग करके खनन और भू-विज्ञान बनाने का फैसला किया है। इस कदम से इस सैक्टर, जो प्रदेश के राजस्व में सबसे अधिक योगदान देने वाले सैक्टर के तौर पर उभरा है और तेजी से विकास कर रहा है, का टिकाऊ विकास यकीनन बनेगा।
एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में मंत्रिमंडल ने पंजाब म्यूनिसिपल आऊटडोर एडवर्टाइजमैंंट पालिसी को स्वीकृति दे दी। इसके तहत आऊटडोर एडवर्टाइजिंग को नियमित करने के साथ-साथ प्रदेश को प्रति वर्ष 200 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है। बैठक में अध्यापकों के लिए सरहदी काडर बनाने को भी हरी झंडी देते हुए फैसला लिया गया कि इस काडर के लिए अध्यापकों को उनके संबंधित जिलों में ही भर्ती करने हेतु एडवोकेट जनरल की सलाह ली जाएगी। 6 सीमावर्ती जिलों पठानकोट, अमृतसर, फाजिल्का, तरनतारन, फिरोजपुर और गुरदासपुर के लिए अध्यापकों का अलग काडर गठित किया जाएगा।
इस दौरान प्लानिंग व पॉलिसी विभाग पुनर्गठित होंगे और नया नाम मिलेगा। मंत्रिमंडल ने योजना और नीति संबंधी मुख्य विभागों को फिर ढांचागत करने और नया नाम देने को मंजूरी दी जिससे राज्य के सर्वव्यापक विकास पर केन्द्रित नीतियां बनाने को यकीनी बनाया जा सके।