Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Nov, 2017 11:46 AM
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर राज्य के आतंकवाद दौरान आतंकवादी और साम्प्रदायिक ङ्क्षहसा से पीड़ितों को केंद्रीय सहायता स्कीम अधीन लाने के लिए इस स्कीम के क्षेत्र का दायरा बढ़ाने की मांग की है।
चंडीगढ़/जालन्धर (ब्यूरो, धवन) : पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर राज्य के आतंकवाद दौरान आतंकवादी और साम्प्रदायिक ङ्क्षहसा से पीड़ितों को केंद्रीय सहायता स्कीम अधीन लाने के लिए इस स्कीम के क्षेत्र का दायरा बढ़ाने की मांग की है। 1982 से 2008 तक के समय को इस स्कीम अधीन लाने के लिए इसका दायरा बढ़ाने की मांंग करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 1982 से 1995 तक पंजाब ने आतंकवाद का सामना किया। इस समय दौरान 10,636 मौतें हुई थीं और 908 व्यक्ति जख्मी हुए थे और 17,420 परिवारों को घर छोड़ कर पलायन करना पड़ाथा।
भारत सरकार ने 3 मार्च 2017 को आतंकवाद और साम्प्रदायिक ङ्क्षहसा के पीड़ितों को सहायता देने के लिए संशोधित दिशा-निर्देश बनाए जोकि 24 अगस्त 2016 से मंत्रिमंडल की स्वीकृति से लागू किए गए। मुख्यमंत्री ने अब इस स्कीम में संशोधन की मांग की है और प्रधानमंत्री को यह स्कीम 1 अगस्त 1982 से लागू करने की विनती की है जिससे इसके अधीन राज्य का आतंकवाद का समय भी आ सके। इस समय यह स्कीम 1 अप्रैल 2008 से लागू है और मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में इसको 1 अगस्त 1982 से लागू करने की मांग की है।
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार ने भारत सरकार के गृह मंत्रालय को 21 अगस्त 2006 को वित्त कमिश्नर राजस्व द्वारा डी.ओ. लिखकर राज्य के आतंकवाद पीड़ितों के लिए लगभग 781 करोड़ रुपए के पैकज की मांग कीथी।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने अपना डी.ओ. 26 मार्च 2009 को प्रधानमंत्री को लिखा था और आतंकवाद व साम्प्रदायिक ङ्क्षहसा के पीड़ितों को सहायता के लिए नई केंद्रीय स्कीम की विनती की जो 1 अप्रैल 2008 से लागू की गई परंतु यह 1982 से लागू करनी थी तभी राज्य में आतंकवाद पीड़ितों को इस अधीन लाया जा सकता था।
वर्ष 2011 में वित्त कमिश्नर राजस्व के स्तर पर कई स्मरण पत्र लिखे गए परंतु इन पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। इसलिए कै. अमरेंद्र सिंह ने फिर यह मुद्दा केंद्र के पास उठाया है।