Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Oct, 2017 09:37 AM
जालंधर शहर को कभी न यूनिटों का गढ़ माना जाता था और यहां सर्जिकल सामान बनाने वाले सैंकड़ों छोटे यूनिट हुआ करते थे
जालंधर (खुराना): जालंधर शहर को कभी न यूनिटों का गढ़ माना जाता था और यहां सर्जिकल सामान बनाने वाले सैंकड़ों छोटे यूनिट हुआ करते थे परन्तु कई सालों से सरकारों की उदासीनता तथा चीन जैसे देशों से मिल रही प्रतिस्पर्धा के चलते जालंधर का सर्जिकल उद्योग काफी सिमट गया। अब फिर इस उद्योग ने खुद को उठाना शुरू किया है जिसके तहत केन्द्र सरकार की स्कीमों का लाभ उठाते हुए सर्जिकल सामान निर्माताओं ने क्लस्टर निर्माण का कार्य लगभग पूरा कर लिया है।
क्लस्टर निर्माण हेतु पहली प्रक्रिया स्पैशल पर्पज व्हीकल यानी एस.पी.वी. के निर्माण की होती है जिसके लिए सर्जिकल सामान निर्माताओं ने सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट्स डिवैल्पमैंट सोसायटी का गठन किया है जो कॉमन फैसिलिटी सैंटर के गठन हेतु जोर-शोर से प्रयास कर रही है। एस.पी.वी. की ओर से सी.एफ.सी. के गठन हेतु डी.एस.आर. तैयार कर ली गई है जिस पर चर्चा करने हेतु आज एक बैठक आयोजित हुई जिसमें जिला उद्योग केन्द्र की ओर से जनरल मैनेजर महेश खन्ना, एम.एस.एम.ई. लुधियाना की ओर से अंकुर पाठक, फंक्शन मैनेजर सीमा धवन, अरुण कुमार, हरिपाल, गुरमीत कौर, मनजीत लाली तथा कन्सल्टैंट एस.बी. सिंह आदि उपस्थित हुए।
डिवैल्पमैंट सोसायटी का प्रतिनिधित्व प्रधान मोहित महाजन, महासचिव हरविन्द्र सिंह जब्बल, उपप्रधान सुरजीत कुमार, कोषाध्यक्ष विनोद कुमार, संयुक्त सचिव सिमरनबीर सिंह, समीर ठुकराल, गुरकृपाल सिंह, राजिन्द्र कुमार, अमित कुमार, संजीव गुप्ता, विपन, नरेन्द्र शर्मा व राजीव कुमार आदि ने किया। हरविन्द्र सिंह जब्बल ने सभी अधिकारियों व प्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया।
गौरतलब है कि केन्द्र सरकार की क्लस्टर योजना के तहत एस.पी.वी. को अन्य स्थानों पर चल रहे क्लस्टरों का दौरा करवाया जाएगा तथा विदेशों में सॢजकल सामान से संबंधित प्रदर्शनियों व मशीनरी संबंधी विदेशी फैक्टरियों की विजिट का आयोजन होगा जिस बारे आज बैठक में विस्तार से जानकारी दी गई।