Edited By Updated: 19 Jan, 2017 09:10 AM
फरीदकोट की एकमात्र औद्योगिक इकाई द सहकारी शूगर मिल काफी सालों से बंद पड़ी है। वर्णनीय है कि पंजाब सरकार ने 1988 में 137 एकड़ जमीन खरीदकर शूगर मिल का निर्माण करवाया था ..
फरीदकोट (हाली): फरीदकोट की एकमात्र औद्योगिक इकाई द सहकारी शूगर मिल काफी सालों से बंद पड़ी है। वर्णनीय है कि पंजाब सरकार ने 1988 में 137 एकड़ जमीन खरीदकर शूगर मिल का निर्माण करवाया था व उसमें करीब 400 मुलाजिम काम करते थे। 16 वर्ष चलने के बाद यह शूगर मिल 2006 में घाटे के कारण बंद कर दी गई। इसमें काम करने वाले कर्मचारी बेरोजगार हो गए। सरकार ने कर्मचारियों को विश्वास दिलवाया था कि उन्हें अन्य विभागों में रोजगार दिया जाएगा मगर 10 वर्ष से ज्यादा समय गुजर जाने के बाद भी आज तक ज्यादातर कर्मचारियों को नौकरी नहीं दी गई व न ही उसे चालू किया गया।
चुनाव से पहले राज्य सरकार ने मिल को जालंधर के भोगपुर में तबदील करने का फैसला किया था मगर यहां के लोगों के विरोध कारण यहां मशीनरी नहीं उठाई गई। फरीदकोट मिल की 80 एकड़ जमीन को पुडा द्वारा 2012 में इसे 4 करोड़ रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से एक्वायर करके आधुनिक कालोनी के निर्माण के लिए 245 प्लाट चुने, जिसका पुडा ने बाद में फैसला बदल लिया व यहां कालोनी न बनाने का फैसला किया व न ही सरकार ने शूगर मिल को दोबारा चालू किया।
क्या कहते हैं पूर्व कर्मचारी
शूगर मिल के कर्मचारियों की जत्थेबंदी के प्रधान सतवंत सिंह अबलू ने कहा कि शहर की एकमात्र शूगर मिल को 2006 में घाटा पडऩे के कारण बंद कर दिया गया था। सरकार ने मिल में पड़ रहे घाटे की ओर कोई ध्यान नहीं दिया। उन्होंने सरकार से शूगर मिल को चलाने का कई बार अनुरोध किया लेकिन सरकार ने उनकी सुध नहीं ली।
किसानों को इस शूगर मिल के चलने से सिर्फ फायदा ही नहीं होगा, बल्कि उन्हें कृषि में विभिन्नता लाने में मदद मिलेगी व किसान गन्ने की कृषि की ओर उत्साहित होंगे।
इकबाल सिंह
फरीदकोट के विकास में एक मील पत्थर के तौर पर साबित हुई शूगर मिल को दोबारा चलाया जाए इससे यहां 1000 के करीब परिवारों को सीधे व असीधे रूप में रोजगार मिलेगा।
प्रवीण काला
मिल के चलने से इसमें लगा बिजली उत्पादक प्रोजैक्ट भी चलेगा, जिससे बिजली की कमी भी पूरी होगी, इसलिए जितनी जल्द हो सके, इसे चलाया जाए।
रजिन्द्र कुमार