Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Jan, 2018 09:13 AM
पिछले साल सितम्बर में जनरल हाऊस की अवधि खत्म होने के बाद से पैंडिंग चलते आ रहे लुधियाना नगर निगम के चुनाव करवाने का रास्ता साफ हो गया है।
लुधियाना (हितेश): पिछले साल सितम्बर में जनरल हाऊस की अवधि खत्म होने के बाद से पैंडिंग चलते आ रहे लुधियाना नगर निगम के चुनाव करवाने का रास्ता साफ हो गया है। इसके तहत लोकल बॉडीज विभाग ने वीरवार को नई वार्डबंदी का नोटीफिकेशन स्टेट इलैक्शन कमिश्नर को भेजकर चुनाव की प्रक्रिया शुरू करवाने की सिफारिश कर दी है जिसके तहत फरवरी के पहले या दूसरे हफ्ते में चुनाव होने की उम्मीद लगाई जा रही है।
ये आए थे वार्डबंदी पर एतराज
यहां बताना उचित होगा कि सरकार ने 21 दिसम्बर को वार्डबंदी का नक्शा जारी करके लोगों से एक हफ्ते के भीतर एतराज मांगे थे। जिस पर सियासी पाॢटयों के अलावा सामाजिक संगठनों व जनरल पब्लिक ने भी 264 एतराज दर्ज करवाए। इसमें नए बनाए गए वार्डों की बाऊंड्री तय करने व उसमें आबादी का बंटवारा करने को लेकर सवाल खड़े किए गए। इसके अलावा ज्यादातर एतराज आबादी के मुकाबले एस.सी. कैटागरी के लिए रिजर्व वार्डों की संख्या कम होने के थे। लोगों ने पहले जनरल या एस.सी. कैटागरी के वार्डों की रिजर्वेशन बदलने पर भी एतराज जताया था।
पूरी तरह गुप्त रखी जा रही है प्रक्रिया
वार्डबंदी फाइनल करने से लेकर नगर निगम चुनाव करवाने तक की सारी प्रक्रिया को पूरी तरह गुप्त रखा जा रहा है। इसके तहत कोई इस बात की अधिकारिक तौर पर पुष्टि करने को तैयार नहीं है कि लोकल बॉडीज विभाग ने नई वार्डबंदी का नोटीफिकेशन जारी कर दिया है, क्योंकि अभी तक स्टेट इलैक्शन कमिश्नर ने जिला प्रशासन को नगर निगम चुनाव करवाने की प्रक्रिया शुरू करने के औपचारिक आदेश जारी नहीं किए हैं। हालांकि डिप्टी कमिश्नर प्रदीप
अग्रवाल ने उन्हें इस बारे में अनौपचारिक सूचना मिलने की बात कही है। लेकिन जब तक आर्डर हाथ में नहीं आ जाते, इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता।
यह हुए नक्शे में बदलाव
सियासी पाॢटयों खासकर बैंस ग्रुप द्वारा वार्डबंदी जारी होने से पहले ही उस पर सवाल खड़े किए जा रहे थे। जिस कारण आबादी के सारे रिकार्ड की री-वैरीफिकेशन तक करवानी पड़ी। अब नक्शा जारी होने पर बैंस के अलावा अकाली-भाजपा भी कोर्ट जाने की चेतावनी दे रहे हैं।
इसके मद्देनजर वार्डबंदी के नक्शे में कुछ बदलाव किए जाने की सूचना है। इसके तहत पहले तो उत्तरी हल्का में पड़ते वार्ड नं. 84 को जनरल से एस.सी. कैटागरी के लिए रिजर्व कर दिया गया है। इसी तरह हल्का पूर्वी, उत्तरी व सैंट्रल के कुछ वार्डों की बाऊंड्री बदली गई है। जहां एक मोहल्ला 2 वार्डों में चला गया था। कुछ जगह वार्डों की नंबरिंग भी बदली गई है, जबकि रिजर्वेशन पहले की तरह ही रहेगी।
अब आगे क्या
1 वोटर लिस्टें बनाने का जारी होगा प्रोग्राम
1 इलैक्शन कमिश्नर से मांगा जाएगा रिकार्ड
1 पहले विधानसभा हल्का वाइज तैयार होगा डाटा
1 नए वार्डों की बाऊंड्री के हिसाब से होगी मार्किंग
1 बूथ वाइज तैयार होंगी वोटर लिस्टें
1 पब्लिक से मांगे जाएंगे एतराज
1 एक हफ्ते का मिलेगा समय
1 फिर होगी फाइनल पब्लिकेशन
1 उसके बाद जारी होगा चुनावों का शैड्यूल
इस वजह से बाकी शहरों के मुकाबले हुई देरी
लुधियाना के चुनाव बाकी शहरों के मुकाबले लेट करवाने के लिए भले ही वहां विकास कार्य पूरे करवाने का हवाला दिया जाता रहा हो लेकिन असल में इसके लिए अफसरों की लापरवाही व कांग्रेसियों की आपसी खींचतान इसकी मुख्य वजह रही है।
क्योंकि पंजाब की बड़ी नगर निगमों लुधियाना, जालंधर, अमृतसर व पटियाला के वार्डों की संख्या में इजाफा करने का फैसला तो अकाली-भाजपा सरकार के समय ही ले लिया गया था। लेकिन संबंधित विभागों ने नई सरकार का रुख देखने के इंतजार में नए सिरे से वार्डबंदी का खाका तैयार करने की प्रक्रिया ही शुरू नहीं की। जिस कारण आबादी का डाटा जुटाने के लिए डोर-टू-डोर सर्वे मार्च के बाद जाकर शुरू हो पाया। जिसमें सामने आई आबादी के आधार पर लोकल बॉडीज विभाग के अफसरों ने वार्डबंदी का जो खाका तैयार किया गया, वो कांग्रेसी नेताओं को पसंद नहीं आया। इसके चलते नक्शे में बदलाव करने में काफी समय खराब हो गया और फिर यह कांग्रेसी खुद ही वार्डों की बाऊंड्री व आबादी के बंटवारे के मुद्दे पर आपस में उलझे रहे। जिस कारण हो रही देरी के मद्देनजर लुधियाना को छोड़ बाकी शहरों के चुनाव करवाने का फैसला लिया गया था, क्योंकि गुजरात व हिमाचल के नतीजों को भांपकर कांग्रेस पंजाब के नगर निगम चुनाव पर असर पडऩे का रिस्क नहीं लेना चाहती थी।
सियासी पाॢटयां हुई सक्रिय
वार्डबंदी का फाइनल नोटीफिकेशन जारी होने के बाद नगर निगम चुनाव करवाने के लिए स्टेट इलैक्शन कमिश्नर को भेजे जाने की सूचना मिलते ही सियासी पाॢटयां एकाएक सक्रिय हो गई। जो वार्डबंदी के खिलाफ कोर्ट जाने की तैयारी तो कर ही रही हैं, साथ ही उन्होंने उम्मीदवार चुनने के साथ ही प्रचार भी तेज कर दिया है।