Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Aug, 2017 01:47 PM
रेत खदानों की नीलामी में अनियमितताओं और बिजली मंत्री राणा गुरजीत सिंह पर पद के दुरुपयोग के लगे आरोपों की जांच कर रहे जस्टिस जे.एस. नारंग कमीशन ने अपनी जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह को सौंप दी है।
चंडीगढ़ः रेत खदानों की नीलामी में अनियमितताओं और बिजली मंत्री राणा गुरजीत सिंह पर पद के दुरुपयोग के लगे आरोपों की जांच कर रहे जस्टिस जे.एस. नारंग कमीशन ने अपनी जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह को सौंप दी है। सूत्र बताते हैं कि 92 पेज की इस रिपोर्ट में राणा गुरजीत को क्लीन चिट दे दी गई है। इससे कांग्रेस सरकार ने राहत की सांस ली है।
उल्लेखनीय है कि करीब अड़ाई माह पूर्व रेत खदानों के आबंटन में राणा गुरजीत की कंपनी के मुलाजिमों का नाम आने के बाद कांग्रेस सरकार की साख पर सवालिया निशान लग गए थे।
जस्टिस नारंग ने वीरवार सुबह मुख्यमंत्री को उनकी सरकारी रिहायश पर जांच रिपोर्ट सौंपी। उन्होंने 72 दिनों में अपनी जांच को पूरा कर लिया। मुख्यमंत्री ने इस रिपोर्ट को मुख्य सचिव करण अवतार सिंह को सौंपते हुए दो सप्ताह में टिप्पणी देने के निर्देश दिए हैं।
सूत्र बताते हैं कि जस्टिस नारंग ने अपनी रिपोर्ट में इंडस्ट्री डिपार्टमेंट के अधिकारियों, ठेका लेने वाले अमित बहादुर समेत राणा गुरजीत सिंह द्वारा दिए गए सवालों के जवाबों का भी जिक्र किया है। सवालों का जहां पूरा ब्योरा पेश किया गया है, वहीं अंत में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि इस पूरे प्रकरण में पंजाब सरकार को राजस्व में कोई घाटा नहीं हुआ है बल्कि पिछले साल की तुलना में राजस्व में वृद्धि हुई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जांच में यह भी सामने नहीं आया कि राणा गुरजीत सिंह ने अपनी पावर का प्रयोग करते हुए अपने किसी भी व्यक्ति को रेत खदान का ठेका दिलवाने के लिए विभाग के किसी भी अधिकारी पर कोई दबाव बनाया, न ही किसी खास व्यक्ति के लिए कोई लॉबिंग की। ई टेंडरिंग के माध्यम से ठेके अलाट होने के कारण नीलामी प्रक्रिया पर कोई टीका-टिप्पणी नहीं की गई है।