सेहत विभाग की पूर्व प्रिंसीपल सहित अन्य डाक्टरों को क्लीन चिट

Edited By Updated: 24 May, 2017 12:45 PM

clean chit to other doctors  including former principal of health department

सेहत विभाग ने गुरु नानक देव अस्पताल में हवालाती राजू की हुई मौत के मामले में मैडीकल कालेज के पूर्व प्रिंसीपल डा. बी.एस. बल सहित 3 सीनियर डाक्टरों को क्लीन चिट दे दी है।

अमृतसर (दलजीत): सेहत विभाग ने गुरु नानक देव अस्पताल में हवालाती राजू की हुई मौत के मामले में मैडीकल कालेज के पूर्व प्रिंसीपल डा. बी.एस. बल सहित 3 सीनियर डाक्टरों को क्लीन चिट दे दी है। विभाग की तरफ से 9 महीने से अधिक समय में की जांच में डाक्टरों के बयान कलमबद्ध करके पुलिस विभाग को फाइनल रिपोर्ट भेज दी गई है। इससे पहले सेहत विभाग द्वारा की गई जांच में डाक्टरों को कसूरवार ठहराते हुए पुलिस द्वारा अलग-अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज हुआ था। जानकारी के अनुसार सेहत विभाग द्वारा सिविल सर्जन डा. प्रदीप चावला को माननीय हाईकोर्ट के निर्देशों पर दोबारा मामले की जांच के लिए कहा गया था।

सिविल सर्जन की तरफ से जांच के लिए सहायक सिविल सर्जन डा. रमेश, जिला टीकाकरण अफसर डा. रमेशपाल, मैडीकल अफसर आर्थो डा. तलविन्द्र सिंह के नेतृत्व में विशेष कमेटी बनाकर दोबारा मामले की जांच करवाई गई। 9 महीनों से अधिक की गई जांच में दोबारा पोस्टमार्टम और हर एक पहलू पर खास जांच की गई और डा. बल सहित अन्य डाक्टरों के बयान कलमबद्ध किए गए। मौजूदा समय में हुई जांच में क्लीन चिट देते हुए सिविल सर्जन की तरफ से एस.आई.टी. को रिपोर्ट भेज दी गई है। जिक्रयोग्य है कि केंद्रीय जेल से आए हवालाती राजू की गुरु नानक देव अस्पताल में कुछ महीने पहले मौत हो गई थी। राजू के परिवार की तरफ से मौत का जिम्मेदार अस्पताल प्रशासन को ठहराते हुए माननीय पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में अपनी याचिका दायर की गई थी। माननीय कोर्ट के निर्देशों पर पंजाब पुलिस ने 3 सीनियर आई.पी.एस. अधिकारियों के नेतृत्व में स्पैशल इन्वैस्टीगेशन टीम (सिट) गठित की थी।

सिट के आए आदेश के बाद सेहत विभाग के विशेष बोर्ड की तरफ से की गई जांच में डा. बी.एस. बल सहित 3 अन्य डाक्टरों को राजू की मौत के लिए कसूरवार ठहराया गया था। विभाग की तरफ से रिपोर्ट सिट के पास भेज दी गई, जिसके उपरांत उक्त डाक्टरों पर अलग-अलग धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज कर लिया गया। डाक्टरों की तरफ से पंजाब पुलिस के उच्चाधिकारियों के सामने पेश होकर बताया गया कि सेहत विभाग की तरफ से बनाए गए बोर्ड में तैनात डाक्टर ने पूछताछ के दौरान उनको नहीं बुलाया और मृतक राजू के इलाज के साथ उनका कोई भी संबंध नहीं है। पुलिस के उच्चाधिकारियों द्वारा डाक्टरों की गुहार के बाद दोबारा सेहत विभाग को विशेष बोर्ड गठित कर जांच कराने के आदेश दिए गए हैं और उक्त मामले की रिपोर्ट जल्द ही देने के लिए कहा गया है, परन्तु विभाग ने 9 महीने से अधिक जांच के लिए समय लगा दिया। 

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