Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Sep, 2017 02:15 PM
गांव दौलेवाला में पुलिस व भगौड़े के मध्य हुई झड़प के बाद कुछ घरों की पुलिस द्वारा तलाशी दौरान हुई कथित तौर पर तोडफ़ोड़ के कारण गांव वासियों में रोष की लहर फैल गई। 2 घरों के घरेलू सामान समेत घर में दीवारों के लगे शीशों को चकनाचूर करने संंबंधी...
कोट ईसे खां(ग्रोवर): गांव दौलेवाला में पुलिस व भगौड़े के मध्य हुई झड़प के बाद कुछ घरों की पुलिस द्वारा तलाशी दौरान हुई कथित तौर पर तोडफ़ोड़ के कारण गांव वासियों में रोष की लहर फैल गई। 2 घरों के घरेलू सामान समेत घर में दीवारों के लगे शीशों को चकनाचूर करने संंबंधी महिला प्यार कौर ने बताया कि कल पुलिस के मुलाजिम भारी संख्या में उनके घर आए तथा बिना कोई बातचीत किए कथित तौर पर उनके घर के घरेलू सामान की तोडफ़ोड़ करने लग पड़े। पुलिस की इस कार्रवाई के समय घर में कोई व्यक्ति उपस्थित नहीं था।
उन्होंने पुलिस वालों की काफी मिन्नतें कीं, लेकिन पुलिस विभाग के किसी कर्मचारी ने उनकी बात सुनने की बजाय लाठियों से घर की तोडफ़ोड़ की। ऐसा पहली बार देखा है जब पुलिस ने इतना जुल्म किया है। गांववासी डोगर सिंह के घर की महिलाओं ने बताया कि कल दोपहर उपरांत पुलिस के बड़ी संख्या में अधिकारियों ने उनके घर में दाखिल होकर घर के सारे सामान की इतनी तोडफ़ोड़ की कि घर में कोई भी वस्तु नहीं बची। उन्होंने कहा कि स्कूल पढ़ती छात्राओं ने पुलिस अधिकारियों की काफी मिन्नतें कीं, लेकिन पुलिस कर्मचारी बिना बात सुने सामान की तोडफ़ोड़ करते रहे।
उन्होंने बताया कि घर के कमरों की दीवारों के साथ लगी खिड़कियों के शीशे, ए.सी., टी.वी.-फ्रिज समेत घर में अब कोई भी सामान बाकी नहीं बचा है। अगर नशा या किसी और मामले में पुलिस अधिकारियों ने घरों की तलाशी लेनी है तो वे कानून अनुसार हर बनती कार्रवाई करें, लेकिन इस तरह तोडफ़ोड़ करना ठीक नहीं है। उन्होंने पुलिस तथा सिविल प्रशासन के उच्चाधिकारियों से मांग की कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए।
क्या कहना है थाना प्रभारी का
इस संबंधी थाना प्रभारी लक्ष्मण सिंह से बातचीत की तो उन्होंने आरोपों को नकारते हुए कहा कि पुलिस द्वारा ऐसी कोई तोडफ़ोड़ नहीं की गई और न ही किसी से मारपीट की गई है।