Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Sep, 2017 01:35 PM
धान के नाड़ को आग के हवाले करने के मामले में पंजाब सरकार तथा किसान आमने-सामने हो गए हैं। जहां पंजाब सरकार एन.जी.टी. (नैशनल ग्रीन
भटिंडा (परमिंद्र): धान के नाड़ को आग के हवाले करने के मामले में पंजाब सरकार तथा किसान आमने-सामने हो गए हैं। जहां पंजाब सरकार एन.जी.टी. (नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) की सख्ती के चलते नाड़ को आग लगाने वाले किसानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की तैयारी में है वहीं कोई विकल्प न होने के कारण किसान भी नाड़ को आग के हवाले करने पर अड़े हुए हैं।
किसान संगठनों का कहना है कि जब तक सरकार नाड़ का उचित विकल्प किसानों को नहीं देती तब तक नाड़ को आग लगाना किसानों की मजबूरी है। संगठन नेताओं का कहना है कि सरकार चाहे जितनी भी सख्ती कर ले लेकिन किसानों के पास नाड़ को आग लगाने के सिवाय और कोई चारा नहीं है।
नाड़ जलाने पर एन.जी.टी. हुआ सख्त
गौरतलब है कि नाड़ को आग लगाने से होने वाले प्रदूषण को लेकर एन.जी.टी. ने सख्त रुख अपनाया हुआ है। एन.जी.टी. ने धान के नाड़ को आग लगाने के मामले को गंभीरता से लेते हुए पंजाब सरकार को विशेष दिशा-निर्देश देकर इस रुझान को रोकने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में एन.जी.टी. की ओर से 5 अक्तूबर को एक रिव्यू बैठक भी बुलाई गई है। इसमें पंजाब सरकार द्वारा पिछले सीजन दौरान किए गए प्रयासों की जानकारी ली जाएगी व आगे की कार्रवाई के बारे में पूछा जाएगा।