साल भर बारूद के ढेर पर बैठा रहेगा शहर

Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Oct, 2017 08:16 AM

city will keep sitting on a pile of gunpowder

इस बार दीवाली से चंद दिन पहले अदालतों द्वारा पटाखों के संबंध में आए आदेशों के कारण जहां देश के कई राज्यों में पटाखा कारोबार प्रभावित हुआ वहीं ऐसे फैसलों के कारण जालंधर सहित कई शहर पूरा साल बारूद के ढेर पर बैठे रहने को विवश होंगे।

जालंधर(खुराना): इस बार दीवाली से चंद दिन पहले अदालतों द्वारा पटाखों के संबंध में आए आदेशों के कारण जहां देश के कई राज्यों में पटाखा कारोबार प्रभावित हुआ वहीं ऐसे फैसलों के कारण जालंधर सहित कई शहर पूरा साल बारूद के ढेर पर बैठे रहने को विवश होंगे। गौरतलब है कि दीवाली से कुछ माह पहले जालंधर में 10 करोड़ रुपए से ज्यादा का पटाखा स्टोर हो गया था जिस पर सरकार को 3 करोड़ रुपए बतौर जी.एस.टी. भी दिए जा चुके थे।

जब पटाखों की बिक्री की बारी आई तो पुराने लाइसैंस रद्द करके नई प्रक्रिया शुरू की गई जिस कारण दुकानदारों को कारोबार करने में भारी मुश्किलें आईं। बड़ा जोर लगाकर दुकानदारों ने अपना कुछ स्टॉक निकाला परन्तु इसके बावजूद पटाखों का एक-तिहाई स्टॉक यानी करीब 5 करोड़ का पटाखा बच गया जो अब पूरा साल यानी अगली दीवाली तक शहर के विभिन्न गोदामों में पड़ा रहेगा। चूंकि ज्यादातर पटाखे ज्वलनशील और काफी खतरनाक होते हैं इसलिए पूरा साल इन्हें लेकर विशेष तरह का डर बना रहेगा। पटाखों पर लगी पाबंदी का उल्लंघन करने वाले कई दुकानदारों का सामान यानी पटाखा इत्यादि पिछले दिनों पुलिस ने भी जब्त किया।

राजनीतिक हस्तक्षेप के बाद या मुट्ठी गर्म हो जाने के चलते काफी माल तो दुकानदारों को लौटा दिया गया परन्तु फिर भी कई थानों में जब्त किए गए पटाखे पड़े होंगे जिन्हें संभालना पुलिस के लिए भी समस्या बन सकता है। पुलिस किस लाइसैंस के तहत इन पटाखों को स्टोर रखेगी यह भी कानूनी पचड़ा रहेगा।

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