Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Jul, 2017 01:30 AM
सरकारी व निजी स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों को शुद्ध पेयजल मुहैया करवाने की कमान....
लुधियाना(विक्की): सरकारी व निजी स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों को शुद्ध पेयजल मुहैया करवाने की कमान अब प्रोटैक्शन ऑफ चाइल्ड राइट कमीशन ने अपने हाथ में ले ली है। पिछले दिनों 32 स्कूलों के पानी के सैम्पल फेल होने का कड़ा नोटिस लेते हुए कमीशन के चेयरमैन सुकेश कालिया ने डिप्टी कमिश्नर को स्कूलों के पीने वाले पानी की चैकिंग करने के लिए अपनी अध्यक्षता में मॉनीटरिंग कमेटी बनाने के लिए कहा है। कमीशन ने कमेटी में शामिल किए जाने वाले विभिन्न विभागों के अधिकारियों के नाम भी डी.सी. को दिए हैं, ताकि उक्त विभागों के प्रमुखों की जिम्मेदारी फिक्स की जा सके।
प्रतिमाह चैक हो 50 स्कूलों का पानी
डिप्टी कमिश्नर को जारी एक पत्र में कमीशन ने कहा है कि उक्त मॉनीटरिंग कमेटी की महीने में एक बार मीटिंग करनी निश्चित बनाने के साथ प्रतिमाह 50 स्कूलों के पीने वाले पानी, जिनमें आर.ओ., टंकी का पानी व अन्य स्रोत से लिए जाने वाले पानी के अलग-अलग सैम्पल भरने के उपरांत उसकी आने वाली रिपोर्ट पर भी मीटिंग में चर्चा की जाए। अगर पानी के सैम्पल मापदंडों पर खरा नहीं उतरते तो बच्चों को पीने वाले पानी को योग्य बनाने के लिए निर्देश भी जारी किए जाएं।
32 स्कूलों के पानी के सैम्पल फिर होंगे चैक
इसके अलावा पिछले दिनों जिन 32 स्कूलों के पानी के सैम्पल फेल हुए थे, उनके सैम्पल पुन: चैक करवाने के लिए भी कमीशन ने डी.सी. को कहा है। सरकारी के साथ-साथ निजी स्कूलों की चैकिंग के लिए भी कहा गया है। कमीशन ने कहा है कि स्कूलों की कैंटीनों एवं बाहर बेचे जा रहे जंक फूड आदि की भी समय-समय पर सैम्पलिंग की जाए। वहीं पब्लिक हैल्थ विभाग स्कूलों में पेयजल की क्लोरोनाइजेशन करनी भी यकीनी बनाएं।
ज्यादातर स्कूलों में नहीं है आर.ओ.
सरकारी स्कूलों में पीने वाले पानी की स्वच्छता पर समय-समय पर सवाल खड़े होते रहे हैं। जहां सरकार का इस तरफ ध्यान नहीं है, वहीं अधिकतर स्कूलों में आर.ओ. तक भी नहीं हैं। पिछले दिनों विभिन्न 32 स्कूलों के पीने वाले पानी के सैम्पल फेल होने के बाद कमीशन के चेयरमैन सुकेश कालिया ने जिला शिक्षा अधिकारी प्राइमरी एवं सैकेंडरी के अलावा स्वास्थ्य विभाग के जिला एपिमोडोलॉजिस्ट के साथ मीटिंग करके फैसला किया कि स्कूलों में बच्चों के लिए पेयजल साफ होना चाहिए।
मॉनीटरिंग कमेटी में ये होंगे शामिल
-डी.ई.ओ. सैकेंडरी: कन्वीनर
-डी.ई.ओ. प्राइमरी: मैम्बर
-जिला सेहत अफसर: मैम्बर
-जिला एपिमोडोलॉजिस्ट अफसर: मैम्बर
-एक्सियन रूरल वाटर सप्लाई: मैम्बर
कमीशन का मकसद है कि निजी व सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों को शुद्ध पेयजल मिले। अधिकतर बीमारियों की वजह पानी का साफ न होना है। इसलिए समय-समय पर पानी की टंकियों की सफाई होने के साथ पेयजल की क्लोराइजेशन भी होनी चाहिए। वहीं निजी स्कूलों को तो अपने स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों व अध्यापकों के लिए पीने वाले पानी हेतु आर.ओ. सिस्टम की व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि बच्चे स्वच् छ पानी पी सकें। सुकेश कालिया, चेयरमैन प्रोटैक्शन ऑफ चाइल्ड राइट कमीशन ऑफ पंजाब।