Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Dec, 2017 08:12 AM
प्रसिद्ध दार्शनिक और सिख विद्वान भाग सिंह अणखी ने कहा कि जत्थेदार अकाल तख्त स्पष्ट करें कि चीफ खालसा दीवान का कार्यकारी प्रधान चड्ढा के आदेशों की पालना कर रहा है या फिर श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशों के विरुद्ध चल रहा है। भाग सिंह अणखी ने कहा कि...
अमृतसर(सर्बजीत): प्रसिद्ध दार्शनिक और सिख विद्वान भाग सिंह अणखी ने कहा कि जत्थेदार अकाल तख्त स्पष्ट करें कि चीफ खालसा दीवान का कार्यकारी प्रधान चड्ढा के आदेशों की पालना कर रहा है या फिर श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशों के विरुद्ध चल रहा है। भाग सिंह अणखी ने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने अकाल तख्त से चड्ढा के काम-काज और धार्मिक तौर पर किसी भी स्टेज से बोलने पर रोक लगा दी है परन्तु इस समय पर दीवान के प्रधान धनराज सिंह कह रहे हैं कि वह चड्ढा के आदेशों पर ही कार्यकारी प्रधान के तौर पर काम कर रहे हैं जबकि दीवान की वैबसाइट कर कार्यकारी प्रधान की बजाय भी प्रधान ही लिखा हुआ है।
श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार के आदेशों का उल्लंघन है और अकाल तख्त साहिब से जारी हुए आदेशों मुताबिक यदि अभी भी धनराज सिंह चड्ढा द्वारा स्थापित किया प्रधान है तो फिर जत्थेदार के आदेशों का कोई मूल्य नहीं रह जाता। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरचरन सिंह ने अपने कार्यालय में पत्रकारों से चीफ खालसा दीवान के प्रधान चरणजीत सिंह चड्ढा की हरकत को अति घिनौनी करार देते कहा था कि चड्ढा के काम पर रोक लगाई जाती है परन्तु चड्ढा के आदेशों पर कार्यकारी प्रधान धनराज सिंह ने अकाल तख्त साहिब के आदेशों को दरकिनार करते कहा था कि वह चड्ढा के आदेशों पर ही काम कर रहे हैं।
इस संबंधी चीफ खालसा दीवान के ऑनरेरी सचिव नरिन्द्र सिंह खुराना ने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब सुप्रीम है और वह अकाल तख्त को समर्पित हैं। श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा आदेश आने से पहले चड्ढे का पत्र आया था कि वह बाहर जा रहे हैं और संविधान मुताबिक उप-प्रधान को कार्यकारी प्रभार दिया जाता है और उन्होंने सिद्धांत पर संविधान के मुताबिक ही सब कुछ किया है। कल उन्होंने समिति के पदाधिकारियों की मीटिंग में बुलाई है, जिसमें चड्ढे के भविष्य का फैसला कर दिया जाएगा (जिनमें प्राथमिक मैंबरशिप से खारिज किया जा सकता है) क्योंकि चड्ढे खिलाफ पर्चा भी दर्ज हो चुका है जबकि उस का अपना फर्ज बनता था कि वह इस्तीफा देता। उन्होंने कहा कि 21 जनवरी से पहले पहले किसी समय पर भी जनरल हाऊस की मीटिंग बुला कर आगे वाली कार्रवाई की जाएगी और सदस्यों की राय के साथ ही अगला प्रधान और पदाधिकारी चुने जाएंगे।