Edited By Updated: 06 Dec, 2016 05:20 PM
चैक बाऊंस होने के एक मामले में ज्यूडीशियल मैजिस्ट्रेट फस्र्ट क्लास अतुल कंबोज की अदालत ने अपने एक फैसले में करीब एक वर्ष पुराने केस का फैसला करते हुए कोटकपूरा के निवासी एक व्यक्ति को बरी करने का आदेश दिया है। दविन्द्र कुमार पुत्र मोहन लाल ने अदालत...
फरीदकोट (जगदीश): चैक बाऊंस होने के एक मामले में ज्यूडीशियल मैजिस्ट्रेट फस्र्ट क्लास अतुल कंबोज की अदालत ने अपने एक फैसले में करीब एक वर्ष पुराने केस का फैसला करते हुए कोटकपूरा के निवासी एक व्यक्ति को बरी करने का आदेश दिया है। दविन्द्र कुमार पुत्र मोहन लाल ने अदालत में एक लाख रुपए का चैक बाऊंस होने पर एन.आई. एक्ट की धारा 138 के तहत केस दायर किया था।
जानकारी के अनुसार दविन्द्र कुमार ने आरोप लगाया था कि सुदेश कुमार पुत्र पृथी चंद ने उससे एक लाख रुपए उधार लिए थे। इसके बदले सुदेश कुमार ने 22 अगस्त 2015 को एक चैक केनरा बैंक का दिया था। जब उसने यह चैक अपने खाते में लगाया तो चैकदाता के खाते में पैसे न होने के कारण बैंक ने चैक वापस कर दिया। इस पर दविन्द्र कुमार ने अपने पैसों की वसूली के लिए अदालत में केस दायर कर दिया।इस पर अदालत ने चैक में कमियां होने के कारण व सुदेश कुमार के खिलाफ पुख्ता सबूत न होने पर उसे बरी कर दिया।