Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Jun, 2017 11:20 PM
लुधियाना निटवियर क्लब के चेयरमैन विनोद थापर ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल,...
लुधियाना(कुलवंत): लुधियाना निटवियर क्लब के चेयरमैन विनोद थापर ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, प्रभारी पंजाब दुर्गेश पाठक, पंजाब अफेयर के प्रभारी संजय सिंह, को-इंचार्ज कपिल भारद्वाज व सुखविंद्र सिंह सुक्खी के खिलाफ पुलिस कमिश्नर को शिकायत देकर आरोप लगाया है कि इन लोगों ने धोखाधड़ी करते हुए उनसे 11 लाख से अधिक की राशि ली, डिनर खर्चा के अलावा उद्योगपतियों से 20-20 हजार रुपए लेकर लोगों के साथ धोखाधड़ी की है जिस कारण इनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाए। इस शिकायत की कापी प्रधानमंत्री, गवर्नर पंजाब, मुख्यमंत्री पंजाब, डी.जी.पी. पंजाब व ए.डी.जी.पी. क्राइम पंजाब को भी भेजी गई है।
विनोद थापर ने बताया कि उसे आम आदमी पार्टी ने इंडस्ट्रीज विंग का वाइस प्रधान बनाया था। उन्होंने बतौर वाइस प्रधान काम भी किया था व केजरीवाल की टीम ने उनको मिल कर वायदा किया था कि विधानसभा चुनाव में उनको लुधियाना से प्रत्याशी बनाया जाएगा लेकिन जब चुनाव निकट आए तो इन लोगों ने उनसे 2 करोड़ रुपए की मांग की। यह पैसे मांगने के लिए सभी उनसे अलग-अलग समय पर सम्पर्क करते रहे व उनके साथ फोटो भी ङ्क्षखचवाते रहे। वहीं ये लोग उनके घर आते रहे और गवाहों की हाजिरी में पैसे लेकर जाते रहे।
इन लोगों ने यहां तक कहा कि वह अपने दोस्तों से भी पैसे लेकर दें जो उसने लेकर दिए। उक्त आरोपियों ने उसे लुधियाना में केजरीवाल से मिलाने का वायदा किया और उनको बोला गया कि वह लोगों से पैसे जमा कर केजरीवाल का डिनर करें और प्रत्येक व्यक्ति से 20 हजार रुपए केजरीवाल लेगा। उसने पैसे जमा कर इन लोगों को दिए लेकिन केजरीवाल नहीं आए। हर बार इन लोगों ने चुनावों का बहाना बनाकर उसे टिकट देने का झांसा देकर पैसे लिए।
उसने कुछ गवाहों चरणजीव सिंह, बलकार सिंह, जसविंद्र सिंह, सतवंत सिंह सैनी, प्रवीण ग्रोवर, दिनेश बजाज, पवन अरोड़ा के सामने भी पैसे दिए थे। उसके बाद भी इन लोगों ने उसे बोला कि इंडस्ट्रीज की मीटिंग करवा दे, वहां केजरीवाल आएंगे, वह भी इन लोगों की बातों में आ गया और होटल फॉच्र्यून क्लासिक में डिनर का प्रबंध कर दिया। इसका बिल करीब एक लाख रुपए उसने अपनी जेब से दिया। जबकि उस समय उनको बोला गया था कि होटल का बिल वह वापस लौटा देंगे जो आज तक नहीं मिला और उसके बाद तो उनका फोन भी इन लोगों ने उठाना बंद कर दिया।
अब उनको धमकाया जा रहा है कि वह जो करना चाहे कर ले। उनका आरोप था कि उक्त आरोपियों ने मुख्य दफ्तर जालंधर में खोला था, वहां वाई-फाई लगवाया हुआ था। उक्त आरोपियों के कहने पर दफ्तर का बिल भी उसने दिया। इसके अलावा विसङ्क्षलग फूड पैलेस में केजरीवाल का प्रोग्राम था, उसका बिल भी पार्टी ने देना था लेकिन वह बिल भी उसने 2 माह बाद अपने साथियों की सहायता से दिया था जिसके पैसे भी उसे नहीं मिले।
उन्होंने बताया कि ‘आप’ पार्टी के लुभावनी नीतियों से प्रभावित होकर वह पार्टी से जुड़े थे लेकिन इन लोगों ने तो दिए गए पैसों की रसीद तक नहीं दी और न ही उनको वाइस प्रधान का पत्र दिया, यहां तक कि उनका नाम तो कम्प्यूटर लिस्ट से भी उड़ा दिया गया। उसने पुलिस कमिश्नर से गुहार लगाई कि उक्त आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उनको इंसाफ दिलाया जाए।