सियासी दबाव : चौड़ा बाजार के अतिक्रमणों को लेकर निगम ने फिर बदला स्टैंड

Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Dec, 2017 12:39 PM

chaura bazar

चौड़ा बाजार में दुकानदारों द्वारा सड़क के  हिस्से पर किए निर्माण को अवैध कब्जे के आरोप में गिराने बारे अपनाया स्टैंड एक बार फिर बदलते हुए नगर निगम ने अब सरकार से उस जगह के बदले किराया वसूलने की सिफारिश कर दी है। यहां बताना उचित होगा कि सरकारी जगह पर...

लुधियाना(हितेश): चौड़ा बाजार में दुकानदारों द्वारा सड़क के  हिस्से पर किए निर्माण को अवैध कब्जे के आरोप में गिराने बारे अपनाया स्टैंड एक बार फिर बदलते हुए नगर निगम ने अब सरकार से उस जगह के बदले किराया वसूलने की सिफारिश कर दी है। यहां बताना उचित होगा कि सरकारी जगह पर हुए अवैध कब्जों को हटाने बारे 2003 से हाईकोर्ट में चल रहे केस के साथ लगी लिस्ट में चौड़ा बाजार का नाम भी शामिल है। जहां सैंकड़ों दुकानदारों ने करीब 5 फुट आगे आकर शटर व शैड लगाने सहित फुटपाथ बनाए हुए हैं। दुकानदारों द्वारा हवाला दिया जाता है कि यह जगह उन्हें कई दशक पहले प्रशासन ने ही दी थी और उसके बदले वे काफी समय तक किराया भी देते रहे हैं।

लेकिन नगर निगम की सब-कमेटी ने दुकानदारों की दलील स्वीकार करने की जगह उनके अतिरिक्त निर्माण को सरकारी जगह पर कब्जा करार देते हुए डिमोलिशन नोटिस तक जारी कर दिए, जिस पर कई दफा बुल्डोजर चलाने की तैयारी भी हुई। लेकिन हर बार विरोध या सियासी दबाव के चलते कार्रवाई ठुस्स हो गई, जिसे लेकर कोर्ट द्वारा सख्त रुख अख्तियार करने के बावजूद निगम की ड्राइव में सिर्फ 5 फुट ज्यादा निर्माण के बाद बने फुटपाथ को हटाने पर लगाया गया।इस मामले में निगम के जनरल हाऊस की मार्च 2016 में हुई मीटिंग दौरान कब्जे हटाने की बजाय दुकानदारों से जगह के बदले किराया वसूलने का प्रस्ताव पास कर दिया गया। जबकि लोकल बॉडीज विभाग के डायरैक्टर ने निगम की योजना को लेकर मेयर द्वारा रैगुलराइजेशन संबंधी की गई सिफारिश रद्द कर दी। जिस पर निगम ने कब्जे हटाने की तैयारी तो कर ली, लेकिन पुलिस फोर्स न मिलने के कारण ड्राइव को ड्रॉप करना पड़ा। अब विधायकों व पार्षदों द्वारा की गई मांग को आधार बनाकर कमिश्नर ने एक बार फिर सरकार को प्रस्ताव पर मंजूरी देने की सिफारिश कर दी है।

अतिक्रमण हटाने बारे झूठ पकड़ा जाने पर कोर्ट ने मांगी स्टेटस रिपोर्ट
नगर निगम ने 12 दिसम्बर को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट में चौड़ा बाजार के अवैध कब्जों पर कार्रवाई करने का दावा किया था। जिसे झुठलाते हुए याचिकाकत्र्ता ने कहा कि वहां सिर्फ अस्थायी कब्जे हटाने की कार्रवाई होती है। वह कब्जे कुछ देर बाद दोबारा कायम हो जाते हैं। यहां तक कि निगम ने आर.टी.आई. एक्ट के तहत मुहैया करवाई सूचना में खुद कबूला है कि हजारों अवैध कब्जे होने के बावजूद 2016 से लेकर अब तक सिर्फ 18 जगह कार्रवाई की गई। कोर्ट ने 23 फरवरी को स्टेटस रिपोर्ट फाइल करने के आदेश दिए हैं।अवैध कब्जों पर कार्रवाई के मामले में नगर निगम द्वारा जोन-सी के इलाकों में भी उदासीनता बरती जा रही है। जिसके तहत निगम ने संगीत सिनेमा से लेकर पाहवा अस्पताल तक खुद बनाई मार्कीट के आगे फुटपाथ की 4 फुट पर जगह पर कब्जे होने की बात तो आर.टी.आई. के तहत मुहैया करवाई सूचना में कबूल कर ली है। लेकिन 54 दुकानों के रास्ते की जगह में हुए उन कब्जों पर कार्रवाई होने बारे कोई कदम उठाने को लेकर जवाब नहीं दिया गया। 

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