Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Sep, 2017 02:12 AM
भारत में कई धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं तथा यह लोग धर्म के लिए किस प्रकार ‘मानसिक रोगी’ हो सकते...
मंडी गोबिंदगढ़(मग्गो): भारत में कई धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं तथा यह लोग धर्म के लिए किस प्रकार ‘मानसिक रोगी’ हो सकते हैं। इसकी ताजा मिसाल 25 अगस्त को डेरा प्रमुख को दोषी करार देने तथा 28 अगस्त को सजा मिलने से हो जाती है।
जिस दिन डेरा प्रमुख को पंचकूला में दोषी करार दिया गया था उसी रात स्थानीय जी.टी. रोड पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने की कथित शंका के चलते भगवान परशुराम मंदिर के समक्ष स्थित सती समाध के पुजारी जसपाल सिंह (55) पुत्र बखतौर सिंह निवासी गांव खुम्मणा, थाना अमलोह की पत्थर मार कर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने सूरज कुमार उर्फ टोनी पुत्र भारत भूषण निवासी मकान नंबर 163 गली नंबर 1 इकबाल नगर, मंडी गोबिंदगढ़ के बयान पर आई.पी.सी. की धारा 302 अधीन मुकद्दमा नंबर 183 तिथि 26 अगस्त को दर्ज कर लिया था।
इस अंधे कत्ल के लिए आरोपी को गिरफ्तार करना पुलिस के लिए चुनौती बन गया था। जिसका कारण था कि एक तरफ तो सारा उत्तर भारत डेरा प्रमुख को दोषी करार दिए जाने व उसे सजा के कारण डेरा प्रेमियों द्वारा जलाया जा रहा था जिस कारण पुलिस को आम लोगों की सुरक्षा का जिम्मा संभालना पड़ रहा था वहीं इस अंधे कत्ल की घटना ने जिला पुलिस को सकते में डाल दिया था। इस केस को सुलझाने के लिए डी.एस.पी. मनप्रीत सिंह की जिला पुलिस प्रमुख अलका मीना आई.पी.एस. ने ड्यूटी लगाई। जिस पर मनप्रीत सिंह ने इंस्पैक्टर महेन्द्र सिंह थाना प्रभारी मंडी गोङ्क्षबदगढ़ एवं सहायक थानेदार गुरमीत सिंह की मदद से इसकी गहन जांच करते हुए आरोपी परमजीत सिंह उर्फ परम (71) पुत्र रक्खा राम निवासी भाई सुक्खा सिंह कालोनी कोटला को एक गुप्त सूचना के आधार पर उस समय गिरफ्तार कर लिया जब वह अपने गांव से शहर की ओर पैदल आ रहा था।
उसने पुलिस की पूछताछ में अपना जुर्म कबूल कर लिया। इस संबंधी पत्रकारों से बात करते हुए आरोपी परमजीत सिंह उर्फ परम ने बताया कि वह ब्राह्मण समाज से संबंध रखता है तथा भगवान परशुराम मंदिर के समक्ष स्थित सती समाध उनके बुजुर्गों की है जिसमें उसे असीम आस्था है। 12 अगस्त को वह सती समाध पर माथा टेकने गया तो वहां उसने मुर्गे के पंख पड़े देखे जिससे उसे शंका हुई कि जसपाल सिंह सती समाध में मीट पकाता है व शराब का सेवन करता है। जिस पर इस शंका को लेकर उसका जसपाल सिंह से झगड़ा हो गया। इसकी शिकायत जसपाल सिंह ने स्थानीय पुलिस में दी लेकिन जसपाल सिंह के मुंह बोले भांजे व कुछ लोगों ने बीच बचाव करते हुए उनका समझौता करवा दिया था लेकिन 25 व 26 अगस्त की मध्य रात्रि मौका पाकर उसने जसपाल सिंह के सिर में उस समय एक भारी पत्थर दे मारा जब वह अपनी कुटिया में सो रहा था।
थाना प्रभारी इंस्पैक्टर महेन्द्र सिंह ने बताया कि आरोपी परमजीत सिंह परम को गिरफ्तार करके उसे न्यायालय में पेश किया जाएगा। जहां से उसका रिमांड हासिल करने का प्रयास किया जाएगा ताकि इससे और पूछताछ की जा सके। उल्लेखनीय है कि जसपाल सिंह की हत्या ऐसे समय में हुई थी जब सारे पंजाब की पुलिस अलर्ट पर होने के साथ-साथ शहर के चप्पे-चप्पे पर फौज तैनात थी। पहली नजर में इस घटना को भी हादसा या फिर माहौल खराब करने के लिए की गई घटना समझा जा रहा था क्योंकि जिसकी हत्या हुई थी वह एक धार्मिक स्थान का पुजारी था।