Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Sep, 2017 09:29 AM
पंजाब यूनिवर्सिटी से पी.एचडी. की डिग्री हासिल करने की इच्छा पालने वाले टैक्नीकल एजुकेशन मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी गहरे विवादों में फंस
जालंधर (रविंदर शर्मा): पंजाब यूनिवर्सिटी से पी.एचडी. की डिग्री हासिल करने की इच्छा पालने वाले टैक्नीकल एजुकेशन मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी गहरे विवादों में फंस गए हैं। पी.एचडी. टैस्ट में फेल होने के बाद नियमों में बदलाव कर चन्नी विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं।
विपक्ष का कहना है कि मंत्री खुद के लिए नियमों में बदलाव कर गलत प्रचलन पैदा कर रहे हैं और इससे आने वाले समय में पी.एचडी. की गरिमा कम होगी तो दूसरी तरफ अच्छे अंक लेने वाले विद्याॢथयों में भी हीन भावना जागृत होगी। मामला चाहे जो भी हो विपक्ष के तीखे हमले के बाद अब मंत्री जी बैकफुट पर नजर आ रहे हैं। दरअसल पहली बार कैबिनेट मंत्री बने चरणजीत सिंह चन्नी की दिल में इच्छा जाग रही थी कि वह पी.एचडी. करें और अपने नाम के आगे डाक्टर लगाएं ताकि पार्टी में उनका रुतबा और बढ़ सके। मंत्री ने पंजाब यूनिवर्सिटी (पी.यू.) से पी.एचडी. करने की इच्छा पाली थी। पी.यू. से पी.एचडी. करने से पहले एक टैस्ट देना पड़ता है और नियमों के मुताबिक इस टैस्ट में कम से कम 50 प्रतिशत अंक लाने होते हैं, मगर चन्नी के इस टैस्ट में आए मात्र 42 अंक। यानी उनकी पी.यू. से पी.एचडी. करने की इच्छा पूरी नहीं हो सकती थी।
मगर दिल तो बच्चा है जी, थोड़ा कच्चा है जी के नियमों पर चलते हुए मंत्री जी कहां मानने वाले थे। उन्होंने नियमों में बदलाव करने की ठानी और वह भी सिर्फ एक साल के लिए। उन्होंने रैजुलेशन पास कर टैस्ट में 50 प्रतिशत की बजाय 40 प्रतिशत अंक लेने वाले को पी.एच.डी. में दाखिला करने के नियम बना डाले। बस फिर क्या था मंत्री जी का चारों तरफ विरोध होना शुरू हो गया। पी.यू. के सीनेटर ने ही सबसे पहले सवाल खड़ा कर दिया कि मंत्री जी ने खुद के फायदे के लिए नियमों में बदलाव किया है, जो सही नहीं है। इसके बाद तो विपक्ष ने भी तीखे हमले बोलने शुरू कर दिए। विपक्ष पर हमले के बाद मंत्री जी बैकफुट पर आ चुके हैं और कहने लगे हैं कि भाजपा व आम आदमी पार्टी जानबूझ कर इस मामले को तूल दे रही है।