Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Oct, 2017 03:49 PM
पहले जी.एस.टी. की मार और अब वातावरण में हो रहे बदलावों तथा घरेलू बाजार में मंदी के चलते गर्म कपड़ों निर्यातकों में निराशा छाई हुई है। उत्तर भारत में गर्म मौसम और तरलता की कमी ने सर्दियों के कपड़े की बिक्री लगभग 40% तक प्रभावित किया है।
लुधियानाःपहले जी.एस.टी. की मार और अब वातावरण में हो रहे बदलावों तथा घरेलू बाजार में मंदी के चलते गर्म कपड़ों निर्यातकों में निराशा छाई हुई है। उत्तर भारत में गर्म मौसम और तरलता की कमी ने सर्दियों के कपड़े की बिक्री लगभग 40% तक प्रभावित किया है।
लुधियाना सर्दियों के कपड़ों की घरेलू मांग की लगभग 90 प्रतिशत पूर्ति करता है,लेकिन वैश्विक बाजार में मंदी और कमोडिटी की कीमतों में गिरावट ने निर्यात को प्रभावित किया है। ऊनी वस्त्रों के कार्यकारी निदेशक आर.के. गुप्ता ने कहा कि वैश्विक बाजारों में निर्यात में 15-20% के बीच कमी आई है। मांग के मुकाबले उत्पादन अधिक है। इसके साथ ही चीन का सस्ता सामान भी कपड़ा उद्योग को प्रभावित कर रहा।