Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Jan, 2018 09:34 AM
अश्लील वीडियो को लेकर विवादों में घिरे चीफ खालसा दीवान के पूर्व प्रधान चरनजीत सिंह चड्ढा की ओर से आज संस्था से संबंधित सैंट्रल खालसा यतीमखाने में श्रद्धा के नाम पर किए गए शक्ति प्रदर्शन से एक और विवाद खड़ा हो गयाहै।
अमृतसर (ममता): अश्लील वीडियो को लेकर विवादों में घिरे चीफ खालसा दीवान के पूर्व प्रधान चरनजीत सिंह चड्ढा की ओर से आज संस्था से संबंधित सैंट्रल खालसा यतीमखाने में श्रद्धा के नाम पर किए गए शक्ति प्रदर्शन से एक और विवाद खड़ा हो गयाहै। उक्त विवाद चीफ खालसा दीवान के अधिकारियों और कांग्रेसी विधायकों की ओर से यतीमखाने में चड्ढा परिवार द्वारा लगाए गए लंगर में शामिल होने से संबंधित है, जिस को लेकर अलग-अलग संगठनों ने इसका विरोध करते हुए श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार से चड्ढा की ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग की है।
लोक भलाई वैल्फेयर सोसायटी के प्रधान बलदेव सिंह सिरसा ने कहा कि चड्ढा सिख पंथ का आरोपी है और स्वयंभू जत्थेदारों की ओर से सिख पंथ को इन्साफ की कोई आशा भी नहीं रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यतीमखाने में चड्ढा का स्वागत करने वाले लोगों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उनके लिए संस्था नहीं, बल्कि चड्ढा महत्वपूर्ण है। ध्यान रहे कि 26 दिसम्बर 2017 को सोशल मीडिया पर वायरल हुई अश्लील वीडियो के बाद चड्ढा पूरी तरह सकते में आ गए थे और अश्लील वीडियो में शामिल एक कालेज की प्रिंसीपल की शिकायत पर पुलिस ने पर्चा दर्ज कर जांच शुरू कर दी। चड्ढा के पुत्र की ओर से बाप द्वारा इस्तीफा देने का दबाव बनाने के बावजूद चड्ढा स्वयं को निर्दोष बताते रहे। इस्तीफा देने की सूरत में चड्ढा के बड़े बेटे इन्द्रप्रीत सिंह चड्ढा ने खुदकुशी कर ली, जिसको लेकर खुदकुशी नोट की बजाय चड्ढा ने अपने विरोधियों के खिलाफ पर्चा दर्ज करवा दिया, जिसकी जांच अभी जारी है।
चड्ढा बेटे की आत्मिक शांति के लिए गुरुद्वारा साहिब में अरदास करवाने आए थे : सर्बजीत
यतीमखाने के मैंबर इंचार्ज और लंबे समय दीवान के प्रधान रहे किरपाल सिंह के सुपुत्र सर्बजीत सिंह ने बताया कि चड्ढा आज अपने बेटे की आत्मिक शांति के लिए यतीमखाने के गुरुद्वारा में अरदास करवाने और बच्चों के लिए लंगर लेकर परिवार समेत आए थे। उन्होंने कहा कि इस में कोई शक नहीं कि दीवान के कार्यकारी प्रधान धनराज सिंह समेत पदाधिकारी और करीब 2 दर्जन से ज्यादा मैंबर भी उनके साथ थे। कांग्रेसी नेता और विधायक ओमप्रकाश सोनी और डा. राज कुमार वेरका के अलावा प्रो. दरबारी लाल भी उनके साथ थे। जब उनको पूछा कि क्या वह लंगर लेकर श्रद्धा और आस्था के साथ आए थे या फिर शक्ति प्रदर्शन करने आए थे? इस पर उन्होंने कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर फोन बंद करते कहा कि इस बारे तो चड्ढा साहिब या दीवान के पदाधिकारी ही बेहतर बता सकते हैं।
चड्ढा ने किया फिर शक्ति प्रदर्शन
चड्ढा ने आज करीब 2 सप्ताह की गुमनामी के बाद एक बार फिर श्रद्धा और आस्था के तले अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया और चीफ खालसा दीवान के प्रधान की हैसीयत में दीवान के प्रबंध तले सैंट्रल यतीमखाने में पहुंच कर श्री अकाल तख्त साहिब से जारी आदेश का उल्लंघन किया।जानकारी के मुताबिक दीवान के मैंबर कुलजीत सिंह साहनी जो चड्ढा का नजदीकी रिश्तेदार है, की ओर से दीवान के बहुत से सदस्यों को फोन किए गए कि यतीमखाने के बच्चों के लिए विशेष लंगर ले कर परिवार समेत प्रधान चरनजीत सिंह चड्ढा पहुंच रहे हैं और सभी सदस्यों को सूचित किया जाता है कि वे समय पर यतीमखाने में पहुंचें। श्री अकाल तख्त साहिब पर अलग-अलग संगठनों के प्रतिनिधियों की ओर से जिनमें जसविन्द्र सिंह भी हैं, 23 के करीब सदस्यों के दस्तख्वत करवाकर एक पत्र दिया, जिसमें चड्ढा को लंगाह की तरह बिना किसी देरी के पंथ से निष्कासित करने की मांग की थी, परन्तु जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब ने चड्ढा की सभी धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों पर रोक लगाते हुए कहा था कि वह दीवान की किसी भी संस्था के प्रबंध में दखलांदाजी नहीं करेंगे और 23 जनवरी को श्री अकाल तख्त के सचिवालय में होने वाली मीटिंग में स्पष्टीकरण देने के लिए चढ्ढा को बुलाया गया है।