Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Dec, 2017 05:26 PM
केन्द्र सरकार ने पंजाब को जी.एस.टी. के दिए जाने वाले हिस्से की 3500 करोड़ रुपए की राशि रोक रखी है,
जालंधर (धवन): केन्द्र सरकार ने पंजाब को जी.एस.टी. के दिए जाने वाले हिस्से की 3500 करोड़ रुपए की राशि रोक रखी है, जिस कारण पंजाब में वित्तीय संकट गहरा चुका है। केन्द्र को बार-बार आग्रह करने के बावजूद अभी तक जी.एस.टी. की राशि रिलीज नहीं की गई है, जिससे मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह नाराज हो गए हैं क्योंकि राज्य सरकार को अपने कर्मचारियों को हर महीने मासिक वेतन भुगतान करने तथा पैंशन धारकों को पैंशन की राशि रिलीज करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेतली को पत्र लिखकर यह मामला पहले ही उठाया हुआ है परन्तु उसके बावजूद अभी तक जी.एस.टी. की राशि रिलीज नहीं की जा रही है। पंजाब कैबिनेट की बैठक में भी इस मामले पर चर्चा हो चुकी है।
मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह ने कहा कि जी.एस.टी. लागू करना राष्ट्रहित में है क्योंकि एक टैक्स प्रणाली से ही देश प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ सकता है परन्तु जिस जल्दबाजी से जी.एस.टी. को लागू किया गया है, उसकी खामियां अब सामने आ रही है। उन्होंने कहा कि जी.एस.टी. की ऊंची दरें रखने की जरूरत नहीं थी क्योंकि इससे व्यापारियों व उद्यमियों पर अनावश्यक तौर पर बोझ पड़ गया। अंतत: यह बोझ जनता पर पड़ा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार को अक्तूबर महीने में अपने कर्मचारियों को मासिक वेतन भुगतान करने के लिए बाजार से 1000 करोड़ रुपए उधार उठाना पड़ा है, उसके बाद ही सितम्बर महीने का वेतन व पैंशन की राशि अक्तूबर में रिलीज हो सकी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को अपने रोजमर्रा के खर्चे चलाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने कहा कि जीएस.टी. में केन्द्र व राज्य दोनों की भागेदारी है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार अक्तूबर महीने में केन्द्र ने जी.एस.टी. के रूप में पंजाब से 83346 करोड़ रुपए की राशि एकत्रित की। देश में पंजाब जी.एस.टी. की रिटर्नें दाखिल करने में पहले स्थान पर रहा। इसके बावजूद केन्द्र द्वारा पंजाब को जी.एस.टी. की राशि रिलीज करने में देरी की जा रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार को पूर्व अकाली भाजपा सरकार से विरासत में भारी भरकम ऋणों का बोझ मिला है।
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कार्पोरेशन चुनाव में जी.एस.टी. का मुद्दा उठेगा
कांग्रेस द्वारा कार्पोरेशन चुनाव में जी.एस.टी. का मामला व्यापारियों के सामने उठाया जा सकता है तथा उन्हें बताया जाएगा कि किस तरह से केन्द्र जी.एस.टी. की रकम तो पंजाब से एकत्र करके जा रहा है परन्तु उसके बदले में पंजाब को उसका बनता हिस्सा रिलीज नहीं किया जा रहा है, जिस कारण शहरों में विकास कार्य करवाने में सरकार को मुश्किल आ रही है। जी.एस.टी. का भांडा केन्द्र की भाजपा सरकार के सिर पर फोडऩे की तैयारी में कांग्रेस जुट चुकी है। गुरदासपुर उपचुनाव में भी कांग्रेस ने जोर शोर से नोटबंदी तथा जी.एस.टी. का मुदद उठाया था, जिसका सकारात्मक असर मतदाताओं पर पड़ा था।
एक्साइज डयूटी में हो सकती है बढ़ौतरी
केन्द्र द्वारा अगर जी.एस.टी. का हिस्सा जल्द पंजाब को जारी नहीं किया जाता है तो उस स्थिति में अमरेन्द्र सरकार द्वारा शराब पर लगने वाली एक्साइज डयूटी में बढ़ौतरी की जा सकती है ताकि उससे प्राप्त होने वाली राशि से सरकारी कर्मचारियों तथा पैंशन भोगियों को वेतन व पैंशन का भुगतान समय पर किया जा सके। बताया जाता है कि केन्द्र से अभी फिलहाल तुरन्त जी.एस.टी. की रकम जारी होने के आसार दिखाई नहीं दे रहे हैं क्योंकि केन्द्र ने अगले वर्ष यह राशि रिलीज करने की बात कही है। मुख्यमंत्री ने हिमाचल चुनावों के समय भी इस मामले को जोर-शोर से मतदाताओं के सामने उठाया था।