Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Aug, 2017 03:00 PM
केंद्र ने सदा चंडीगढ़ के साथ सौतेला व्यवहार किया है। वह नहीं चाहती कि चंडीगढ़ से कोई इंटरनेशनल फ्लाइट चले।
चंडीगढ़ः केंद्र ने सदा चंडीगढ़ के साथ सौतेला व्यवहार किया है। वह नहीं चाहती कि चंडीगढ़ से कोई इंटरनैशनल फ्लाइट चले। दिल्ली के दवाब में हमेशा यह साजिश चलती रहती है कि चंडीगढ़ एयरपोर्ट को कैसे फेल किया जाए। हाईकोर्ट के जस्टिस एस.एस. सारों पर आधारित खंडपीठ ने मंगलवार को यह प्रतिक्रिया उस अर्जी पर करते हुए दी, जिसमें कहा गया था कि इंटरनैशनल एयरपोर्ट के रनवे की रिकार्पेटिंग के चलते छह महीने तक शाम के बाद एयरपोर्ट से फ्लाइट्स बंद की जा रही हैं।
हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि यह पहली मिसाल होगी जहां एयरपोर्ट बनने के तीन साल बाद रनवे की रिकार्पेटिंग का काम शुरू होगा। इससे साफ है कि केंद्र सरकार व दिल्ली में बैठी अफसरशाही नहीं चाहती कि चंडीगढ़ से इंटरनैशनल फ्लाइट्स चलें। बेंच ने कहा कि पीयू हो या एयरपोर्ट, पी.जी.आई. हो या डैंटल कॉलेज हर मामले में केंद्र चंडीगढ़ प्रशासन के साथ सौतेला व्यवहार करता नजर आता है।
हाईकोर्ट ने केंद्र को फटकार लगाते हुए पूछा कि क्या दिल्ली वालों के लिए चंडीगढ़ ब्रिटिश कॉलोनी है जो केंद्र हर स्तर पर इसके साथ भेदभाव करता हैं। जस्टिस एस.एस. सारों एवं जस्टिस अवनीश ङिांगन की खंडपीठ ने एक बार फिर कहा कि यह करोड़ों का घोटाला है और इसकी सी.बी.आई. जांच जरूरी हैं। एक बार तो हाईकोर्ट ने सी.बी.आई. के वकील को बुला भी लिया था लेकिन बाद में केंद्र सरकार के आग्रह पर सी.बी.आई. को कोई निर्देश नहीं दिए गए। बावजूद इसके उन्हें कहा है कि वो देखें की इस मामले में क्या किया जा सकता हैं।