Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 May, 2017 12:06 PM
मॉडरेशन की कानूनी खींचतान में फंसे सी.बी.एस.ई. 12वीं के नतीजे घोषित होने संबंधी फिलहाल कोई तस्वीर साफ नहीं हो पा रही है।
लुधियाना(विक्की): मॉडरेशन की कानूनी खींचतान में फंसे सी.बी.एस.ई. 12वीं के नतीजे घोषित होने संबंधी फिलहाल कोई तस्वीर साफ नहीं हो पा रही है। बोर्ड द्वारा अभी तक लाखों स्टूडैंट्स को परिणाम घोषित होने संबंधी कोई आधिकारिक सूचना न दिए जाने से उनकी चिंता बढ़ती जा रही है। पेरैंट्स तो रिजल्ट में देरी के लिए पूरी तरह से सी.बी.एस.ई. को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। सी.बी.एस.ई. का कहना है कि परीक्षाओं के बाद मॉडरेशन पॉलिसी में बदलाव किया जाना परिणाम में देरी की मुख्य वजह बना है। अगर बोर्ड सैशन शुरू होने से पहले या अगले सत्र से इस बदलाव को लागू करता तो शायद इस वर्ष परीक्षा देने वाले स्टूडैंट्स के सामने परिणाम को लेकर इस तरह की स्थिति न बनती। उधर, परिणाम न घोषित होने को लेकर स्कूल भी असमंजस की स्थिति में फंसे हुए हैं। उनके पास भी पेरैंट्स व विद्यार्थियों को बताने के लिए कुछ नहीं है।
मंत्री की घोषणा के बावजूद वैबसाइट खामोश
हालांकि केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का कहना है कि सी.बी.एस.ई. परिणाम की तारीखों का ऐलान जल्द करेगी। इसमें किसी को परेशान होने की जरूरत नहीं है लेकिन वीरवार देर शाम तक बोर्ड की आधिकारिक वैबसाइट पर परिणाम संबंधी कोई अधिसूचना जारी नहीं हुई थी। स्टूडैंट्स बार-बार वैबसाइट खंगाल रहे हैं। बोर्ड द्वारा परिणाम घोषित होने संबंधी चुप्पी साधे जाना छात्रों की परेशानी की मुख्य वजह बन रहा है।
कालेज/यूनिवर्सिटी की दाखिला प्रक्रिया हो सकती है लेट
उधर, 12वीं के परिणामों की संभावित तारीखों को ध्यान में रखते हुए कालेजों/यूनिवॢसटियों ने जो दाखिले का शैड्यूल तैयार किया था, उस पर भी परिणाम की घोषणा में हो रही देरी का असर पडऩे की संभावना है। वहीं दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन प्रक्रिया शुरू होने के चलते स्टूडैंट्स की धड़कनें तेज हो गई हैं क्योंकि विभिन्न राज्य बोर्डों के परिणाम आने के चलते इनके विद्याॢथयों ने तो डी.यू. की दौड़ लगा ली है लेकिन सी.बी.एस.ई. के विद्यार्थी फिलहाल परिणाम के ही इंतजार में हैं।
क्या है पूरा मामला
बता दें कि सी.बी.एस.ई. ने 31 बोर्डों के साथ मिलकर 24 अप्रैल को निर्णय किया था कि इस बार माक्र्स मॉडरेट नहीं किए जाएंगे, जिसके चलते किसी भी स्टूडैंट्स को इस बार नंबर बढ़ाकर नहीं दिए जाएंगे। उक्त फैसले की सहमति के आधार पर विभिन्न राज्य बोर्डों ने तो अपने परिणामों को मॉडरेशन पॉलिसी को समाप्त करके ही घोषित किया है। यही कारण है कि पी.एस.ई.बी. का परीक्षा परिणाम इस बार पिछले वर्ष के मुकाबले काफी नीचे गिरा है। हालांकि दिल्ली हाईकोर्ट ने छात्रों को नंबर बढ़ाकर देने की सी.बी.एस.ई. की पॉलिसी को इस साल जारी रखने के निर्देश गत दिवस दिए थे, जिसके खिलाफ सी.बी.एस.ई. द्वारा अब सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी की जा रही है।