Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 May, 2017 01:50 AM
पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के कार्यकाल में 21 सिख आतंकियों के सरैंडर का प्रबंध करवाए...
चंडीगढ़(बृजेन्द्र): पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के कार्यकाल में 21 सिख आतंकियों के सरैंडर का प्रबंध करवाए जाने के बावजूद उनके फर्जी एनकाऊंटर वाले मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह के ट्वीट को लेकर सी.बी.आई. जांच की मांग की गई है।
लॉयर्स फॉर ह्यूमन राइट्स इंटरनैशनल के महासचिव नवकिरण सिंह ने डायरैक्टर, सी.बी.आई. नई दिल्ली को यह मांग पत्र दिया है और मांग की कि 21 सिख आतंकियों के फर्जी एनकाऊंटर की जांच होनी चाहिए। मांग पत्र के मुताबिक हाल ही में मौजूदा मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह ने इस बात का खुलासा किया था। जांच के बाद इस घृणित अपराध को अंजाम देने वालों के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने 17 मई, 2017 को ट्विटर पर यह स्वीकार किया था कि उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के समक्ष 21 सिख आतंकियों के सरैंडर का प्रबंध किया था, जिनका बाद में कत्ल हो गया था। गौरतलब है कि कै. अमरेंद्र सिंह ने अपने ट्वीट में कहा था कि ‘मुझे तत्कालीन प्रधानमंत्री चंद्रशेखर द्वारा छला-सा महसूस हुआ जब उन 21 खालिस्तानी आतंकियों को मार दिया गया जिनके सरैंडर का मैंने प्रबंध किया था। मैंने उसके बाद उनसे कभी बात नहीं की।’ कैप्टन के इस ट्वीट को आधार बना कहा गया है कि इससे साफ जाहिर होता है कि उन 21 सिख आतंकियों को फर्जी एनकाऊंटर में मार गिराया गया। यह न सिर्फ मानवाधिकारों का बल्कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत प्रदान मूलभूत अधिकारों का भी हनन है।
सुप्रीम कोर्ट की जजमैंट को आधार बनाया
कहा गया है कि कई संस्थाओं ने इस मामले में जांच मांगी हुई है और कैप्टन की लगातार चुप्पी इस तथ्य की पुष्टि करती है। मांगपत्र में आर.एस. सोढी बनाम यू.पी. सरकार के सुप्रीम कोर्ट केस का भी हवाला दिया गया है जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जहां स्थानीय पुलिस पर आरोप लगे हों वहां सी.बी.आई. जैसी स्वतंत्र जांच एजैंसी से जांच करवाए जाने की स्थिति होती है। मांग पत्र के मुताबिक मानवाधिकार हनन के इस मामले में तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए। सी.बी.आई. से मांग की गई है कि कै. अमरेंद्र सिंह के ट्वीट की जांच की जाए, ताकि उन 21 सिख आतंकियों के नाम सामने आ सकें जो सरैंडर करना चाहते थे और मारे गए।