Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Jan, 2018 10:21 AM
शिरोमणि अकाली दल ने कहा कि अब जब यह स्पष्ट हो गया है कि एक हजार करोड़ रुपए के घोटाले के मुख्य आरोपी ने सिंचाई और बिजली मंत्री राणा गुरजीत सिंह के नजदीकी सहयोगियों और सांझेदारों द्वारा दी गई
चंडीगढ़ (पराशर): शिरोमणि अकाली दल ने कहा कि अब जब यह स्पष्ट हो गया है कि एक हजार करोड़ रुपए के घोटाले के मुख्य आरोपी ने सिंचाई और बिजली मंत्री राणा गुरजीत सिंह के नजदीकी सहयोगियों और सांझेदारों द्वारा दी गई रेत खदानों की बोली के लिए पैसा लगाया था तो उसके खिलाफ बिना देरी से सी.बी.आई. और इन्फोर्समैंट डायरैक्टोरेट द्वारा जांच होनी चाहिए।
चंडीगढ़ में अकाली दल के सीनियर नेताओं व सांसदों सुखदेव सिंह ढींडसा और बलविंद्र सिंह भूंदड़ ने कहा कि केंद्रीय एजैंसियों को राणा गुरजीत सिंह के मंत्रालय द्वारा सिंचाई घोटाले के मुख्य आरोपी ठेकेदार गुरिंद्र सिंह को जारी किए 4 करोड़ रुपए की भी जांच करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सिंचाई मंत्रालय एक ऐसे ठेकेदार को पैसे कैसे जारी कर सकता है जिसकी जांच की जा रही है और जो गिरफ्तार भी किया जा चुका है। ऐसे ठेकेदार की राणा गुरजीत के सहयोगियों को अलॉट की गई रेत खदानों में सीधी शमूलियत करके ही सिंचाई मंत्रालय उस पर दयालु रहा है।
शिरोमणि अकाली दल ने पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ से भी पूछा है कि उन्होंने अकाली-भाजपा सरकार द्वारा निजी बिजली कंपनियों से किए बिजली खरीद समझौतों (पी.पी.एज) संबंधी कथित हेराफेरियां होने के झूठे दावे करके पंजाबियों को गुमराह करने की कोशिश क्यों की है जबकि उनकी अपनी सरकार के बिजली मंत्री का बयान है कि ऐसी कोई अनियमितता नहीं हुई।
चंडीगढ़ में अकाली दल के प्रवक्ता महेश इंद्र सिंह ग्रेवाल ने कहा कि बिजली मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने कल प्रैस कांफै्रंस में स्पष्ट कर दिया था कि अकाली-भाजपा सरकार द्वारा निजी बिजली कंपनियों से किए गए तीनों पी.पी.एज में कोई अनियमितता नहीं पाई गई।