Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Nov, 2017 11:42 AM
कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार जब से अस्तित्व में आई है, तब से ही इस सरकार ने नए से नया विवाद खड़ा करके लोगों के लिए परेशानियां खड़ी की हैं।
श्री मुक्तसर साहिब(तनेजा, दर्दी): कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार जब से अस्तित्व में आई है, तब से ही इस सरकार ने नए से नया विवाद खड़ा करके लोगों के लिए परेशानियां खड़ी की हैं। कभी राज्य में 800 सरकारी प्राइमरी स्कूलों को बंद करने का फैसला व कभी पंजाब के अंदर चल रहे करीब 26 हजार 700 आंगनबाड़ी केन्द्रों में आने वाले बच्चों को वर्करों व हैल्परों से छीनकर सरकारी स्कूलों में भेजने का फैसला।
इसके अतिरिक्त अन्य भी कई ऐसे फैसले सरकार ने किए जो जन विरोधी है। अब शिक्षा संबंधी ही सरकार का एक नया फरमान सामने आ रहा है कि पंजाब यूनिवर्सिटी से संबंधित ऐतिहासिक शहर श्री मुक्तसर साहिब में लड़कियों के गुरु नानक कॉलेज व गुरुद्वारा टिब्बी साहिब के बीच चल रहे रीजनल सैंटर को विधानसभा क्षेत्र गिद्दड़बाहा के गांव काऊनी जो यहां से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, में तबदील किया जा सकता है।
सरकार के इस फैसले से जहां विद्याथी वर्ग, अभिभावक, रीजनल सैंटर का समूचा स्टाफ व आम वर्ग के लोग निराश है, वहीं श्री मुक्तसर साहिब क्षेत्र से संबंधित सभी सियासी पार्टियां जिनमें सरकार में काबिज कांग्रेस, विधानसभा में विरोधी दल आम आदमी पार्टी, शिरोमणि अकाली दल बादल, अकाली दल अमृतसर व बहुजन समाज पार्टी आदि शामिल हैं, ने इस बात का भारी विरोध करना शुरू कर दिया है और कहा है कि वे किसी भी कीमत पर रीजनल सैंटर को यहां से तबदील नहीं होने देंगे।
इस मामले को लेकर पंजाब केसरी द्वारा विशेष रिपोर्ट तैयार की गई है। इस दौरान सामने आया है कि सरकार का यह फैसला बिल्कुल ही गलत है व उक्त रीजनल सैंटर में पढ़ रहे बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ है। उल्लेखनीय है कि उक्त सैंटर में करीब सवा 4 सौ विद्यार्थी पढ़ रहे हैं, जिनमें 300 के लगभग अकेली लड़कियां हैं। जिनके भविष्य को खतरे में डालने की सरकार तैयारियां कर रही है।
27 नवम्बर को विशेष टीम आ रही श्री मुक्तसर साहिब
इस मामले को लेकर सैंटर के स्टाफ व यहां पढ़ रहे लड़के-लड़कियों का पक्ष जानने के लिए एक विशेष टीम 27 नवम्बर को श्री मुक्तसर साहिब पहुंच रही है।
खजाना मंत्री मनप्रीत बादल के नेतृत्व में हुई थी बैठक
रीजनल सैंटर को यहां से तबदील करके गांव काऊनी ले जाने के लिए चंडीगढ़ में खजाना मंत्री पंजाब मनप्रीत सिंह बादल के नेतृत्व में बैठक की गई थी व उसके बाद यह मामला सामने आया।
मालवा के कई शहरों व गांवों के बच्चे आते है पढऩे
रीजनल सैंटर श्री मुक्तसर साहिब में मालवा क्षेत्र के दूर व नजदीक के कई शहरों व गांवों से बच्चे यहां पढऩे के लिए आते हैं। इन बच्चों को काऊनी गांव जाना तो बेहद मुश्किल होगा।
कौन-कौन से करवाए जाते हैं कोर्स
रीजनल सैंटर में एल.एल.बी., एम.फिल., एम.सी.ए., एम.ए. की पढ़ाई करवाई जा रही है व कुछ और कोर्स भी हैं।
पंजाब यूनिवर्सिटी के अधिकारियों का पक्ष
इस सम्पूर्ण मामले को लेकर जब पंजाब यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार कर्नल जी.एस.चड्ढा का पक्ष जाना गया तो उन्होंने स्पष्ट किया कि श्री मुक्तसर साहिब का रीजनल सैंटर कहीं भी तबदील नहीं किया जाएगा जबकि काऊनी में चल रहे सैंटर के बारे में अभी सोचा जा रहा है।
1 करोड़ की हुई थी ग्रांट जारी
सरकारी कॉलेज श्री मुक्तसर साहिब में रीजनल सैंटर की इमारत बनाने के लिए 5 एकड़ जमीन दी गई व पूर्व अकाली-भाजपा गठजोड़ की सरकार के समय 1 करोड़ रुपए की ग्रांट दी गई थी।