Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Aug, 2017 01:53 PM
5 लाख के ऋण तथा आढ़ती द्वारा किए गए 10 लाख 38 हजार रुपए के केस से परेशान होकर कीटनाशक दवा पीकर अपनी जीवन लीला समाप्त करने वाले गांव महांबद्धर के युवा किसान गुरप्रीत सिंह का शव परिजनों व भारतीय........
श्री मुक्तसर साहिब (तनेजा): 15 लाख के ऋण तथा आढ़ती द्वारा किए गए 10 लाख 38 हजार रुपए के केस से परेशान होकर कीटनाशक दवा पीकर अपनी जीवन लीला समाप्त करने वाले गांव महांबद्धर के युवा किसान गुरप्रीत सिंह का शव परिजनों व भारतीय किसान यूनियन एकता उगरांहा ग्रुप के नेताओं ने तब तक लेने से इंकार कर दिया है, जब तक उक्त किसान को आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाले आढ़तिए पर पर्चा दर्ज कर उसे गिरफ्तार नहीं किया जाता।
उल्लेखनीय है कि उक्त किसान की 18 अगस्त देर सायं श्री मुक्तसर साहिब के एक प्राइवेट अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई थी तथा पोस्टमार्टम करने के लिए उसके शव को सरकारी अस्पताल में रखा गया है परंतु अभी तक उसका पोस्टमार्टम नहीं किया गया। गत सायं भले ही डी.एस.पी. व किसान नेताओं के बीच यह बातचीत तय हो गई थी कि आढ़तिए पर पर्चा काट दिया जाएगा तथा आप पोस्टमार्टम करवा लो परंतु इस पर भी बात नहीं बनी, जिस कारण रात से ही शव अस्पताल में पड़ा है।
गिरफ्तारी पर अड़े किसान
किसान संगठन की प्रांतीय कमेटी ने यह निर्णय कर दिया कि जब तक आढ़तिए को गिरफ्तार नहीं किया जाता, तब तक पोस्टमार्टम नहीं करवाया जाएगा तथा न ही शव को लिया जाएगा। जानकारी के अनुसार बी.के.यू. एकता उगरांहा ग्रुप के ब्लाक अध्यक्ष कामरेड जगदेव सिंह, सुखराज सिंह रहूडिय़ांवाली, हरविन्दर सिंह महांबद्धर, जलंधर सिंह भागसर, राजा सिंह महांबद्धर, दर्शन सिंह रामगढ़ चुंगा, निन्दर सिंह फौजी, सोहन सिंह खालसा कौडिय़ांवाली व अंग्रेज सिंह बल्लमगढ़ आदि किसान गुरप्रीत सिंह के घर के समक्ष एकत्रित हुए और अपना विरोध दर्ज कराया।
आरोपी आढ़तिए पर पर्चा दर्ज: थाना प्रभारी
मामले की सूचना पाकर थाना लक्खेवाली के प्रभारी केवल सिंह भी वहां पहुंच गए व उन्होंने किसानों को विश्वास दिलाया कि आढ़ती केवल कुमार पर पर्चा दर्ज कर दिया गया है तथा चाहे तो आप इसकी कापी भी ले लो परंतु किसान नेता आढ़ती की गिरफ्तारी पर ही डटे हुए हैं। पता चला है कि पुलिस के उच्चाधिकारी व सी.आई.डी. विभाग के कर्मचारी भी इस मामले को हल करने के लिए किसान नेताओं व पारिवारिक सदस्यों के साथ संपर्क कर रहे हैं जबकि डी.एस.पी. गुरजीत सिंह स्वयं बातचीत करने के लिए गांव महांबद्धर पहुंच गए थे।