पूर्व अकाली विधायक बब्बेहाली के बेटे सहित 9 के खिलाफ मामला दर्ज

Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Feb, 2018 09:19 AM

case against 9 including son of former akali mla babbehali

हनुमान चौक के पास बन रहे ए.जी.एम. मॉल की जगह के कागजों में धोखाधड़ी करने के आरोप तहत पुलिस ने पूर्व विधायक के गांव बब्बेहाली निवासी मलूक सिंह पुत्र ज्ञान सिंह द्वारा जिला पुलिस अधीक्षक को दी गई

गुरदासपुर  (विनोद, दीपक):  हनुमान चौक के पास बन रहे ए.जी.एम. मॉल की जगह के कागजों में धोखाधड़ी करने के आरोप तहत पुलिस ने पूर्व विधायक के गांव बब्बेहाली निवासी मलूक सिंह पुत्र ज्ञान सिंह द्वारा जिला पुलिस अधीक्षक को दी गई शिकायत की जांच के बाद जिन 9 व्यक्तियों के विरुद्ध धारा 420 तथा 120 बी के अधीन केस दर्ज किया है, इनमें पूर्व अकाली विधायक गुरबचन सिंह बब्बेहाली का बेटा अमरजोत सिंह बब्बेहाली जो मिल्क प्लांट का चेयरमैन भी है, नगर सुधार ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन सतीश कुमार ङ्क्षडपल के अलावा हीरा सिंह, रूप लाल, राम लाल नंबरदार, विपन कुमार पुत्र जसपाल, दर्शन कुमार नंबरदार, प्रेम लाल नंबरदार व विनोद कुमार शामिल हैं। 


 

रजिस्ट्रियां करवाते समय लगभग 66 लाख की स्टाम्प ड्यूटी का चूना लगाया गया
शिकायतकत्र्ता मलूक सिंह व उसके वकील राजेश चौहान ने खुलासा किया कि आरोपियों द्वारा करीब 66 लाख रुपए की स्टाम्प ड्यूटी बचा कर सरकारी खजानों को चूना भी लगाया गया है। राजेश चौहान ने बताया कि मलूक सिंह की ओर से अपनी शिकायत में बब्बेहाली का नाम भी लिखवाया गया था लेकिन पुलिस ने एफ.आई.आर. में पूर्व विधायक गुरबचन सिंह बब्बेहाली का नाम दर्ज नहीं किया। इसके अलावा जो धाराएं बनती थीं, वे भी पूरी तरह से नहीं लगाई गईं। उन्होंने बताया कि वह इस अधूरी एफ.आई.आर.को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे।

 

हम हर जांच का सामना करने को तैयार : सतीश कुमार  
जब इस मामले संबंधी नगर सुधार ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन सतीश कुमार ङ्क्षडपल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच लगभग एक साल पहले चली थी तथा इस मामले में कहीं कोई हेरोफेरी नहीं हुई है। हम हर जांच का सामना करने को तैयार हैं तथा जल्दी ही सारी सच्चाई सामने लाई जाएगी कि इस मामले के पीछे कौन है। यह सारा राजनीतिक मामला है तथा इसका जवाब भी राजनीतिक ढंग से दिया जाएगा। 

 

क्या है मामला
मलूक सिंह द्वारा की गई शिकायत के आधार पर डी.एस.पी. गुरबंस सिंह बैंस द्वारा जांच की गई जिसके आधार पर यह पाया गया कि 25-11-1998 को महंत परम हंस नाथ निवासी झूलना महल मौजूदा ए.जी.एम. माल वाली 5 कनाल 11 मरले भूमि का मालिक था। उन्होंने उक्त जगह का मुख्तियारनामा (पावर ऑफ अटॉर्नी) सतीश कुमार (पूर्व चेयरमैन)  निवासी गांव थानेवाल को दिया हुआ था परंतु 12-10-2003 को परम हंस नाथ की मौत हो गई थी जिसके बारे में सतीश कुमार, अमरजोत सिंह बब्बेहाली व अन्य आरोपियों को पता था। 

 


जांच के दौरान पाया गया है कि 8-6-2005 को सतीश कुमार ने 2 कनाल 4 मरले भूमि की रजिस्ट्री हीरा सिंह पुत्र बेअंत सिंह और 8-6-2004 को 3 कनाल 7 मरले भूमि की रजिस्ट्री रूप लाल पुत्र दीवान चंद के नाम कर दी। इन रजिस्ट्रियों के आधार पर हीरा सिंह व रूप लाल ने जानबूझ कर जमीन को उस समय के विधायक के बेटे अमरजोत सिंह बब्बेहाली के नाम 99 साल के लिए पट्टानामा लिख दिया और इसका कब्जा भी दे दिया जबकि आरोपी अच्छी तरह से जानते थे कि जमीन के असली मालिक परम हंस नाथ की मौत हो चुकी है। इसी तरह सतीश कुमार ने गवाहों व खरीदारों के साथ मिलीभगत करके जमीन के असली मालिकों के वारिसों के साथ धोखा किया है। 

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