Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Nov, 2017 09:46 AM
जोधेवाल पुलिस ने बहादुरके रोड के एकजोत नगर में छापामारी करके शराब की 57 पेटियां बरामद की हैं। पुलिस ने वह कैंटर भी जब्त कर लिया है, जिसमें शराब की तस्करी की जाती थी, जबकि शराब तस्कर अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।
लुधियाना (हितेश): अवैध मैरिज पैलेस मालिकों ने एक बार फिर से रैगुलराइजेशन पॉलिसी के प्रति बिल्कुल भी दिलचस्पी नहीं दिखाई। इसके चलते ग्लाडा द्वारा अगले हफ्ते से ऐसे मैरिज पैलेस मालिकों पर सीङ्क्षलग की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
वर्णनीय है कि पटियाला के मैरिज पैलेसों में पार्किंग की कमी होने के अलावा सुरक्षा के मापदंड भी पूरे न होने को लेकर लगी याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आदेश दिए हुए हैं कि पूरे पंजाब के मैरिज पैलेसों में होने वाले समारोहों दौरान आने वाले लोगों के जानमाल की सुरक्षा के नियमों का पालन यकीनी बनाया जाए। इस पर पहले तो सरकार ने मैरिज पैलेसों पर सीङ्क्षलग की कार्रवाई की और फिर कई बार रैगुलराइजेशन पॉलिसी भी जारी की।
लेकिन अगर लुधियाना के मैरिज पैलेस मालिकों की बात करें तो उन्होंने कभी भी अपने यूनिटों के अवैध हिस्से को रैगुलर करवाने के प्रति खास दिलचस्पी नहीं दिखाई। जिनके द्वारा पहले सख्त शर्तें व फीस ज्यादा होने का हवाला दिया जाता था तो अब सरकार ने ऐसे मैरिज पैलेसों को खामियों में सुधार करने के लिए 10 फीसदी तक नॉन-कम्पाऊंडेबल एरिया को रैगुलर करने की छूट देने सहित फीस भी कम कर दी।
यह पॉलिसी जारी हुए काफी समय बीतने के बाद भी मैरिज पैलेस मालिकों द्वारा मंजूरी लेने के लिए पहल नहीं की गई जबकि आवेदन देने के लिए तय डैडलाइन मंगलवार को खत्म हो गई है। इसके साथ ही ग्लाडा ने अवैध की कैटागरी में शामिल किए गए मैरिज पैलेसों को सील करने की तैयारी शुरू कर दी है।
यह है मैरिज पैलेसों की मंजूरी के हालात
1 ग्लाडा एरिया में हैं 263 मैरिज पैलेस
2 सिर्फ 34 के पास ही है मंजूरी
3 पहले सील किए जा चुके हैं 26 मैरिज पैलेस
4 अवैध कैटागरी में आते हैं 243 मैरिज पैलेस
5 पार्किंग का नहीं किया पूरा प्रबंध
6 फायर फाइटिंग के इंतजामों की भी है कमी
पॉलिसी जारी करने के पीछे सरकार का मुख्य उद्देश्य मैरिज पैलेस मालिकों को राहत देने सहित वहां पार्किंग व सुरक्षा मापदंडों का पालन करवाना है। उसके बावजूद रैगुलर न करवाने वालों पर अगले हफ्ते से नियमों मुताबिक सीङ्क्षलग की कार्रवाई शुरू होगी। - हरप्रीत सेखों, ई.ओ. ग्लाडा