Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Dec, 2017 07:17 PM
पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने धान के सीजन में कंबाइनों में सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम (सुपर एसएमएस) लगाना आवश्यक कर दिया है ताकि पराली का वैज्ञानिक निपटान कर आग पर रोक लगाई जा सके। कंबाइन में सुपर एसएमएस नहीं लगाने वाले को छह माह की कैद हो सकती...
पटियाला: पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने धान के सीजन में कंबाइनों में सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम (सुपर एसएमएस) लगाना आवश्यक कर दिया है ताकि पराली का वैज्ञानिक निपटान कर आग पर रोक लगाई जा सके। कंबाइन में सुपर एसएमएस नहीं लगाने वाले को छह माह की कैद हो सकती है।
आज यहां बोर्ड की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार यह सिस्टम पराली के निपटारे का सबसे सही हल है क्योंकि कंबाइन निकलने वाले फूस को कुतर देता है। इसी फूस की वजह से किसान पराली को आग लगाते हैं । वायु प्रदूषण को नियंत्रित करना बोर्ड की जिम्मेवारी है जिस कारण बोर्ड ने पराली के निपटान के लिए पहलकदमी करने का जिम्मा उठाया है। पराली जलाने के बाद धुंए के कारण वायु प्रदूषण और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
पंजाब सरकार ने वर्ष 2013 में पराली जलाने पर पाबंदी लगाई थी और अब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भी पराली जलाने पर मुकम्मल रोक लगाने के सख्त आदेश जारी किए हैं। इसके निपटारे को लेकर पंजाब कृषि विश्वविद्यालय ने सुपर एसएमएस लगाए जाने की सिफारिश की है। ये कंबाइन धान के पुआल को कुतरकर खेत में बिखेर देता है जिससे आग लगाने की जरूरत ही नहीं पड़ती और अगली फसल के लिए जमीन तैयार हो जाती है। अगली फसल की बुवाई आसानी से हो जाती है। बोर्ड के चेयरमैन काहन सिंह पन्नू ने बताया कि इस सुपर एसएमएस सिस्टम के जरिए पराली जलाने की प्रथा रोककर वायु प्रदूषण पर काबू पाया जा सकता है।
विश्वविद्यालय की इस सिफारिश को ध्यान में रखते हुए पिछले सीजन में बोर्ड ने किसानों तथा कंबाइन चालकों के लिए एडवाइजरी जारी की थी कि वे सुपर एसएमएस का इस्तेमाल करके ही गेहूं की बुवाई करें। पंजाब में बड़ी गिनती में किसानों ने इस पर अमल किया और इस बार अच्छी फसल की संभावना है। पन्नू ने बताया कि सुपर एसएमएस लगाना लाजिमी करने के लिए वायु प्रदूषण कंट्रोल एक्ट 1981 के तहत 30 दिनों का नोटिस जारी किया गया है कि हरेक कंबाइन चालक की कंबाइन के उपर सुपर एसएमएस लगाना जरूरी किया जाए। आदेश की उल्लंघना करने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के तहत छह साल की कैद भी हो सकती है।